पांच साल बाद ब्याज दरों में हुई कटौती, RBI ने 0.25 फीसदी घटाई रेपो रेट, EMI भी घटेगी
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को बताया कि रेपो रेट को 6.5 से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया है।

नई दिल्ली। होम लोन की ईएमआई भरने वाले लोगों के लिए गुडन्यूज आ गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 साल बाद मौद्रिक नीति में बदलाव करते हुए रेपो रेट घटा दी है। इसका असर आपकी होम लोन की ईएमआई पर पड़ सकता है। रेपो रेट में 0.25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया गया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट घटकर 6.25% हो गया।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की बैठक के बाद बताया कि रेपो रेट को 6.5 से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया है। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि कुछ मौकों को छोड़कर महंगाई हमारे लक्ष्य के करीब रही है। उन्होंने कहा कि नई फसल के आने से खाद्य महंगाई में नरमी की उम्मीद है। वहीं उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में काफी चुनौतियां हैं, ग्लोबल ग्रोथ भी एवरेज के नीचे है।
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रेपो रेट उस दर को कहा जाता है, जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अन्य बैंकों को पैसा उधार देता है। अब समझिए कि अगर रिजर्व बैंक कम ब्याज दर पर अन्य बैंकों को पैसा उधार देगा, तो वे बैंक भी ग्राहकों से कम ब्याज दर वसूलेंगे। इसका सीधा असर ग्राहकों के होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन पर देखने को मिलेगा। रेपो रेट घटने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है।
बता दें कि हर बैंक इस कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को दें, वे इसके लिए बाध्य नहीं हैं। लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक जैसे सरकारी बैंक आमतौर पर रेपो रेट घटने का लाभ ग्राहकों को देते रहे हैं। अगर कोई बैंक चाहता है कि घटी हुई रेपो रेट का लाभ ग्राहक को न दे, तो वो ऐसा कर सकता है। हालांकि, जब एक बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती करता है, तो दूसरे बैंकों पर भी दबाव पड़ता है। क्योंकि अब कोई भी ग्राहक अपने लोन को किसी भी बैंक में शिफ्ट कर सकता है।