डिंडौरी के सरकारी दुकानों से सैंकड़ों क्विंटल राशन गायब, एक साल बाद भी जिम्मेदारों पर नहीं हुई FIR

डिंडौरी में राशन दुकानों से सैकड़ों क्विंटल अनाज गायब होने का मामला सामने आया है। जांच में छह सेल्समैनों पर आरोप साबित हुए, लेकिन एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।

Updated: Oct 16, 2024, 10:47 AM IST

डिंडौरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में सरकारी राशन की दुकानों से सैंकड़ों क्विंटल राशन गायब होने का मामला सामने आया है। यहां गरीब तबके के लोगों के बीच वितरण के लिए भेजे गए राशन की बड़े स्तर पर हेराफेरी की गई। जिले की 6 सरकारी राशन दुकानों में करीब 900 क्विंटल राशन गायब मिली। हैरानी की बात ये है कि कार्रवाई तो दूर एक साल बाद भी जिम्मेदारों के विरुद्ध FIR तक नहीं हुई।

मामला सितंबर 2023 का है। खरगहना हर्रा लेम्पस की 6 दुकानों में सैंकड़ों क्विंटल राशन हेरा-फेरी की शिकायत मिली थी। राशन दुकानों में फर्ज़ीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब खाद्य विभाग के अधिकारी इन दुकानों में राशन के स्टाक का भौतिक सत्यापन करने के लिए पहुंचे थे। राशन दुकानों के ऑनलाइन स्टॉक का निरीक्षण करने पर करीब 900 क्विंटल राशन का स्टॉक दिख रहा था, लेकिन मौके से अनाज गायब था।

इससे स्पष्ट हो गया कि इन 6 विक्रेताओं द्वारा 900 क्विंटल गरीबों का अनाज गबन किया गया। डिंडौरी एसडीएम द्वारा इस गंभीर अनियमितता पर 6 सितंबर 2023 को जिला खाद्य विभाग के जिम्मेदारों को पत्र लिखकर 6 सेल्समैनों के विरुद्ध कोतवाली में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि उनके द्वारा 8 सितंबर 2023 को पूरे दस्तावेजों के साथ कोतवाली में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं किया गया।

खाद्य विभाग के अधिकारीयों ने पत्राचार कर अपनी औपचारिकता निभा ली लेकिन एकबार फिर मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई न होने से गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिन लोगों पर गरीबों का राशन हजम करने का आरोप है, वे अलग-अलग सोसाइटी में कार्य कर रहे हैं। सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर एक साल से अधिक समय तक यह गंभीर मामला क्यों दबा कर रखा गया, जबकि खाद्य विभाग ने कई मामलों में एफआईआर महज एक दिन में ही दर्ज की गई है।