रोहणी गांव में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, नर्मदा संरक्षण न्यास की पहल पर ग्रामीणों को मिलेगा इलाज और दवाएं

शिविर में मेडिसिन, नेत्र, दंत, पैथोलॉजी और जनरल चेकअप की अलग-अलग टीमें कार्य करेंगी। दांतों की जांच के लिए विशेष डेंटल वैन और आंखों की जांच के लिए आई स्पेशलिस्ट मौजूद रहेंगे।

Updated: Nov 03, 2025, 09:37 AM IST

नरसिंहपुर। नर्मदा संरक्षण न्यास की ओर से 4 नवंबर को अमोदा पंचायत के रोहणी गांव में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में ग्रामवासियों और इच्छुक स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श के साथ साथ मुफ्त दवाओं के वितरण का प्रबंध है। यहां लोगों को नेत्र, दंत, सामान्य स्वास्थ्य जांच एवं ब्लड सैंपलिंग के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा भी होगी। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और नर्मदा संरक्षण न्यास की कार्यकारी अध्यक्ष अमृता राय की पहल पर यह कार्यक्रम नर्मदा किनारे बसे लोगों को मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसे आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत मंगलवार सुबह नर्मदा पूजन से होगी। पूजन के उपरांत स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श और दवा वितरण किया जाएगा। इस शिविर में आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ जबलपुर और नरसिंहपुर के अनुभवी डॉक्टर और विशेषज्ञ शामिल होंगे। आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज की 30 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ग्रामीणों के इलाज के लिए 3 नवंबर को ही गांव में पहुंच जाएगी। नरसिंहपुर के डॉ. अभिषेक चांदोरकर भी अपनी टीम के साथ शिविर का हिस्सा बनेंगे।

शिविर में मेडिसिन, नेत्र, दंत, पैथोलॉजी और जनरल चेकअप की अलग-अलग टीमें कार्य करेंगी। दांतों की जांच के लिए विशेष डेंटल वैन और आंखों की जांच के लिए आई स्पेशलिस्ट मौजूद रहेंगे। पैथोलॉजी यूनिट में ब्लड टेस्ट किट के माध्यम से ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। न्यास की तरफ़ से पूर्व में भी ऐसे कैंप आयोजित किए जाते रहे हैं। जहां स्थानीय लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का प्रयास रहता है। पूर्व में आयोजित शिविर में भी हज़ारों लोगों ने इसका लाभ लिया है। 

रोहणी गाँव नर्मदा के किनारे बसा ऐसा गाँव है जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं मुकम्मल तरीक़े से उपलब्ध नहीं है। मगर इस कैंप के माध्यम से लोगों को अपने स्वास्थ्य की बेहतर जानकारी एवं सुविधा मिल जाती है। बता दें कि दिग्विजय सिंह और अमृता राय ने वर्ष 2018 में नर्मदा परिक्रमा पूर्ण होने के उपरांत, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आशीर्वाद से, बरमान घाट के पास मां नर्मदा के संरक्षण और स्थानीय लोगों के सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से नर्मदा संरक्षण न्यास की संकल्पना की थी। कुछ वर्ष पूर्व दिग्विजय सिंह ने नर्मदा किनारे बसे इस गांव को गोद लेने की घोषणा भी की थी। तब से सिंह दंपत्ति और नर्मदा संरक्षण न्यास के तत्वाधान में ग्रामीणों के स्वास्थ्य देखभाल से लेकर बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को संवारने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

न्यास की ओर से समय-समय पर यहां स्कूली बच्चों के लिए भी कार्य किए जाते रहे हैं। मसलन स्टेशनरी एवं यूनीफॉर्म बाँटना एवं बच्चों के लिए अवेयरनेस कैंप लगवाना आदि। इन सामाजिक गतिविधियों के अलावा न्यास नर्मदा जयंती के मौक़े पर धार्मिक आयोजन भी करता है जिसमें सभी आसपास के गाँवों के लोगों को भोजन भंडारे का इंतज़ाम होता है। धार्मिक गुरुओं के साथ आयोजित भंडारों में लोग धर्म से संबंधित शिक्षा भी ग्रहण करते हैं। स्कूली बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सिंह दंपत्ति ने यहां जर्जर हो चुके शासकीय स्कूल के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी भी संभाली है। इसके अलावा, नर्मदा परिक्रमावासियों की सुविधा के लिए एक आश्रय स्थल का निर्माण कार्य भी नर्मदा संरक्षण न्यास के माध्यम से कराया जा रहा है।