अवैध वसूली, मारपीट और ठगी.. BJP विधायक ने खोली महाकाल मंदिर में व्याप्त अव्यवस्था की पोल
घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि महाकाल मंदिर के कर्मचारियों द्वारा भक्तों से दुर्व्यवहार की घटनाएं आम हो गई हैं। अकेले इस जून में करीब दर्जनभर ठगी और दुर्व्यवहार की घटनाओं का मामला सामने आ चुका है, इससे देश-विदेश में महाकाल लोक की छवि ख़राब हो रही है
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर इन दिनों गलत कारणों को लेकर सुर्खयों में है। मंदिर में आए दिन भस्म आरती, दर्शन के नाम पर हो रही ठगी, मारपीट की घटना तथा कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार की खबरें सामने आ रही हैं। इसको लेकर घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि इससे महाकाल मंदिर की छवि खराब हो रही है।
सीएम मोहन यादव को संबोधित पत्र में भाजपा विधायक ने लिखा कि महाकाल का पवित्र मंदिर हमारे लिए सदैव से आस्था एवं गौरव का विषय रहा है कि हम विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी में रहते हैं। देश-विदेश में इस नगरी की ख्याति है। रोजाना हजारों श्रद्धालु, आस्थावान भक्त महाकाल को शीश नवाने, दर्शन करने, एक झलक पाने के लिए उज्जैन आते हैं। 11 अक्टूबर-2022 को श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो गुनी से तीन गुनी तक बढ़ गई है। संख्या को देखते हुए शासन-प्रशासन का दायित्व बनता है कि वे आगंतुक दर्शनार्थियों के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं करें ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
मालवीय ने आगे लिखा कि बहुत ही पीड़ा के साथ यह देखने में आ रहा है कि वर्तमान में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। श्रद्धालुओं के साथ मारपीट, भस्म आरती दर्शन कराने के नाम पर दर्शनार्थियों के साथ अवैध वसूली, ठगी, मंदिर में तैनात कर्मचारियों का दुर्वव्यवहार आम बात हो गई है। आए दिन प्रमुख समाचार पत्रों, चैनलों व अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों पर इन सब लज्जाजनक घटनाओं का प्रकाशन, प्रसारण हो रहा है। उदाहरण के तौर पर रविवार को ही महाकाल भक्तों के साथ अवैध वसूली के तीन मामले सामने आए हैं। इनमें मंदिर में ही तैनात निजी कंपनी के कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई और उन्हें हटाया गया। अकेले जून महीने में श्रद्धालुओं के साथ ठगी के करीब एक दर्जन मामले सामने आए हैं।
भाजपा विधायक ने आगे लिखा कि महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कोई ठगी या अप्रिय घटना न हो, इसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति की है। मगर देखने में यह आ रहा है कि अधिकारी लगातार हो रही इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस अथवा कारगार कदम नहीं उठा पा रहे हैं। अफसर मंदिरों का सतत निरीक्षण भी नहीं करते, जिससे व्याप्त अव्यवस्थाएं उनके संज्ञान में आ सकें। कुल मिलाकर इन सब स्थितियों, परिस्थितियों से उज्जैन की छवि पर सीधा असर पड़ रहा है और बदनामी मध्य प्रदेश शासन की भी हो रही है। अगर इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले श्रद्धालु इसी तरह आहत होते रहेंगे और व्यवस्थाओं को पूरे देश भर में कोसेंगे। अब मप्र सरकार को चाहिए कि वह सीधे इसमें हस्तक्षेप कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे ताकि दर्शनार्थियों को सुलभ और सुविधापूर्ण तरीके से दर्शन हो सकें।