हरदा में यूरिया वितरण में गड़बड़ी का दावा, अधिकारियों ने लाइन में लगी महिलाओं को अपात्र बता हटाया

हरदा जिले में खाद वितरण के दौरान गड़बड़ी पकड़ी गई। जांच में सामने आया कि महिलाओं को 400-500 रुपये देकर लाइन में लगाया गया था ताकि असली किसानों की जगह खाद खरीदी जा सके।

Publish: Sep 19, 2025, 06:27 PM IST

हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को यूरिया खाद की सप्लाई के दौरान गड़बड़ी सामने आई। एमपी एग्रो और विपणन संघ के गोदामों पर किसानों की लंबी कतारें लगी थीं, लेकिन जांच में कई लोग असली किसानों की जगह लाइन में खड़े पाए गए।

कृषि विभाग की सहायक संचालक रचना पटेल और महिला कॉन्स्टेबल मीना यदुवंशी ने मौके पर पहुंचकर आधार कार्डों की जांच की। जब इनकी जांच ऋण पुस्तिकाओं से की गई तो कई महिलाओं के दस्तावेज मेल नहीं खाते पाए गए। जांच के बाद उन महिलाओं को लाइन से बाहर किया गया और वास्तविक किसानों को यूरिया उपलब्ध कराया गया।

रचना पटेल का कहना है कि कुछ व्यक्तियों ने पैसों का लालच देकर महिलाओं को लाइन में लगाया था ताकि वे दूसरों के लिए खाद खरीद सकें। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों को हटाकर केवल असली किसानों को ही खाद दिया जा रहा है। महिला किसानों की सुविधा के लिए गोदामों पर अलग काउंटर भी बनाए गए हैं। 

जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 1.22 लाख किसान पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से केवल 30 हजार किसान ही नियमित हैं। बाकी किसान डिफॉल्टर होने के कारण सहकारी समितियों से खाद नहीं खरीद पा रहे हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में किसान नकद भुगतान कर डबल लॉक सिस्टम से खाद लेने आ रहे हैं।

जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि यूरिया की कोई कमी नहीं है, फिर भी पिछले तीन महीनों से गोदामों पर किसानों की भीड़ लगातार देखी जा रही है। कतार में खड़ी कुछ महिलाओं ने खुद स्वीकार किया कि उन्हें 400 से 500 रुपये देकर लाइन में लगाया गया था ताकि असली किसानों की जगह खाद खरीदी जा सके।