कोरोना काल में फरिश्ता बनी यूथ कांग्रेस, अपनों को खोकर भी दूसरों की जान बचाने में जुटे हैं प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया

घर में टूटा दुःख का पहाड़, दूसरों का घर न बिखरे इसके लिए जी जान से जुटे मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, कमेटी गठित कर 'आओ साथ आएं, एक जिंदगी बचाएं' मुहिम की शुरुआत की

Updated: May 03, 2021, 10:05 AM IST

भोपाल। कोरोना संकट के इस दौर में जब आम नागरिक संसाधनों के अभाव में असमय काल की गाल में समा रहे हैं तब यूथ कांग्रेस की टीम लोगों के लिए फरिश्ता बनकर उभरी है। राहुल गांधी के आह्वान पर युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने जब अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की जान बचाने की मुहिम शुरू की तब उससे प्रेरणा लेकर देशभर में यूथ कांग्रेस ने इस मुहिम को आंदोलन का स्वरूप दे दिया। यूथ कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं में बस एक ही जुनून था लोगों को मौत के मुंह से बाहर खींच लाने का। 

हैशटैग SOSIYC के माध्यम देशभर में श्रीनिवास से मदद मांगने वालों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ती गई वैसे-वैसे यूथ कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों ने श्रीनिवास का हाथ थाम उन्हें और मजबूती देते गए। जिस तरह राजधानी दिल्ली के इलाकों में श्रीनिवास बी वी जीवन और मौत से जूझ रहे लोगों तक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर जुटे थे, उसी प्रकार मध्यप्रदेश में नवनिर्वाचित युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने मोर्चा संभाला। 

सामने पहाड़ सी चुनौती सीना ताने खड़ी थी, मध्यप्रदेश के हर जिला, तहसील, गली और कस्बों तक पहुंचने की, लेकिन हौसला था एक-एक व्यक्ति को जिंदा बचा लेने के लिए जान की बाजी तक लगा देने का। लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होने वाला था। विक्रांत ने मध्यप्रदेश में जैसे ही लोगों की मदद की मुहिम की शुरुआत किया, इस जानलेवा वायरस ने उनके चाचा को उनसे छीन लिया। बड़े पापा का अचानक साया उठने के बाद विक्रांत किसी तरह संभले और यह सुनिश्चित करने में जुट गए कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में प्रदेश में अब किसी के भी सर से अपनों का साया इस तरह न उठ सके।

श्रीनिवास के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में लोगों को मदद करने का अभियान गति पकड़ा ही था कि कांग्रेस की दिग्गज नेतृ व आदिवासी समाज की सबसे प्रखर आवाज मानी जाने वाली कलावती भूरिया कोरोना की चपेट में आ गयीं और इस खतरनाक वायरस ने उनकी भी जान ले ली। कांग्रेस विधायक कलावती युकां अध्यक्ष की बड़ी बहन थी। जिस बहन से जनसेवा की प्रेरणा लेकर लोगों को जीवित रखने का जुनून दिलो-दिमाग में था, उनके देहांत की खबर आना विक्रांत के लिए सबकुछ बिखरने जैसा था। 

हालांकि, इससे मध्यप्रदेश में यूथ कांग्रेस की इस मुहिम पर कोई असर नहीं पड़ा। भूरिया ने बहन का अंतिम संस्कार करने के बाद इस अभियान को और गति देते हुए प्रदेशभर में तत्काल कमेटियां गठित कर दी साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी किया। प्रदेशभर के 10 संभागों में कॉर्डिनेटर की नियुक्ति के साथ ही शुरू हुआ 'आओ साथ आएं-एक जिंदगी बचाएं' अभियान। जिसका नतीजा आज सबके सामने है। 

सोशल मीडिया के माध्यम से हर रोज जरूरतमंदों की मदद की गुहार आती है और अपने परिवार की भांति संबंधित क्षेत्र के यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता जुट जाते हैं किसी के भाई, किसी की बहन, किसी के मां-बाप और अन्य प्रियजनों का जीवन बचाने में। मध्यप्रदेश में अब हर रोज कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर, कहीं ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, कहीं हॉस्पिटल में बेड तो कहीं गंभीर मरीजों को रेमेडसीवीर जैसी जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता कराई जा रही है। राहुल गांधी के आह्वान पर मध्यप्रदेश में कई जानें उनके युवा साथियों ने बचाई है। 

देश की जानीमानी न्यूज एंकर रुबिका लियाकत के किसी परिचित को सागर जिले के देवरी में ऑक्सीजन की जरूरत थी तो यूथ कांग्रेस ने कुछ ही घंटों में जरूरतमंद तक ऑक्सीजन पहुंचाया। इसके बाद उन्होंने हैशटैग दिया माय फरिश्ता यानी मेरे फरिश्ते।सच ही है श्रीनिवास के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस की टीम देशभर में जरूरतमंदों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। 

 

 

हम समवेत देशभर के युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के इस जज्बे को सलाम करता है।