इंदौर: 3 दिन डिजिटल अरेस्ट में रही महिला कारोबारी, 1.60 करोड़ रुपए की ठगी
महिला को आरोपियों ने ऑनलाइन कॉल कर पहले ईडी और सीबीआई अफसर बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का बोल कर बैंक अकाउंट्स की जानकारी ली और रुपए ठग लिए।
इंदौर। मध्य प्रदेश में साइबर फ्रॉड के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से रुपए ठगने के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। इंदौर से डिजिटल अरेस्ट का एक और चौंकाने वाला केस सामने आया है। यहां साइबर अपराधियों ने महिला कारोबारी को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख उनसे करीब 1.60 करोड़ रुपए ठग लिए।
मामले में महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है। महिला को आरोपियों ने ऑनलाइन कॉल कर पहले ईडी और सीबीआई अफसर बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का बोल कर बैंक अकाउंट्स की जानकारी ले ली। फिर रुपयों के वैरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर सारे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए।
साइबर सेल के मुताबिक घटना वंदना (40) पति राजीव गुप्ता के साथ हुई है। वे राठी ग्रुप में काम करती हैं। इनका शेयर एंड कमोडिटी का व्यापार है।
वंदना ने बताया कि ऑनलाइन केस में फंसाने का बोलकर इस कदर धमकाया कि उन्होंने पहले 60 लाख रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद अपनी 1 करोड़ की एफडी भी तोड़ दी।
ठगों ने जेल भेजने की धमकी देकर वंदना से एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके लिए ठगों ने तीन दिन वंदना को डिजिटल अरेस्ट रखा। बाद में भी वह वंदना से गोल्ड लोन के नाम पर संपर्क कर रुपए देने का दबाव बनाते रहे। शंका होने पर परिवार से बात कर उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम हेल्प लाईन पर शिकायत की। यहां से इंदौर क्राइम ब्रांच को जानकारी लगने पर उन्होंने वंदना को मिलने बुलाया। इंदौर में तीन महीने में डिजिटल अरेस्ट का यह 65वां मामला है।