गुना में स्मार्ट मीटर का कारनामा, 49 लाख रुपए तक बिजली बिल आए, कलेक्ट्रेट पर रहवासियों का प्रदर्शन

गुना में स्मार्ट मीटर लगाने से स्थानीय रहवासियों को भारी भरकम बिजली बिल देना पड़ रहा है। एक उपभोक्ता का बिल करीब 49.50 लाख रूपए आया है। रहवासियों ने कलेक्ट्रेट में सीएम के नाम ज्ञापन देकर स्मार्ट मीटर हटाने सहित बिजली निजीकरण रद्द करने की मांग की।

Publish: Jul 08, 2025, 04:30 PM IST

Photo Courtesy: Jagran
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गुना। शहर में स्मार्ट मीटर लगाने से स्थानीय रहवासियों को भारी भरकम बिजली बिल देना पड़ रहा है। एक उपभोक्ता का बिल करीब 49.50 लाख रूपए आया है। इसी तरह यहां 30 से ज्यादा कॉलोनियों के बिल में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। परेशान रहवासियों ने ऑल इंडिया बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के बैनर पोस्टर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। उन्होनें सीएम के नाम ज्ञापन देकर स्मार्ट मीटर हटाने सहित बिजली निजीकरण रद्द करने की मांग की। 

कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे लोगों ने बताया कि यह सिर्फ गुना की ही समस्या नहीं बल्कि जहां भी स्मार्ट मीटर लगे हैं वहां भी लोगों की इन्हीं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर है। कोई राहत नहीं मिल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, रहवासियों ने ये भी कहा कि अगर कोई हल नहीं निकला तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। 

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पिपरोदा गांव की सब्जी बेचने वाली एक महिला का बिल 28 हजार निकला। वे रोते हुए बोलीं मैं घर-घर जाकर सब्जी बेचती हूं, घर में सिर्फ एक पंखा और बल्ब है। लेकिन, स्मार्ट मीटर लगने के बाद इतना ज्यादा बिल आया। इसी तरह गजनाई गांव के एक शख्स का बिल 2.62 लाख। तो वहीं ब्रजबिहार कॉलोनी के उपभोक्ता गौतम पटेलिया का बिल 49.41 लाख रूपय आया है। उन्होनें बताया कि वे प्राइवेट नौकरी करते हैं। घर में AC नहीं है, सिर्फ कूलर लगा है। एक टीवी है, वह भी बंद पड़ा है। अब तक कभी 100 रुपए का बिल आया है, तो कभी गर्मियों में 1500 रुपए तक। इस बार बिल 49.41 लाख रुपए का आया है। बिल देखने के बाद घर के लोग टेंशन में बीमार पड़ गए। बिजली विभाग के दफ्तर जाकर शिकायत की। अब तक चार बार दफ्तर गया हूं। वे कहते हैं कि बिल ग्वालियर भेजा है, वहां से सही कराया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।

वहीं एसोसिएशन के मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार एक तरफ तो बिजली को सबका अपना अधिकार बताती है, लेकिन उन्हीं के स्मार्ट मीटर अंधेरा फैलाने का काम कर रहा। सरकार, विघुत कंपनियों को थाने खोलने की इजाजद दे रही जो कि जनहित के खिलाफ निंदनीय कदम है।