MP में जयस ने नहीं उतारे कोई प्रत्याशी, संगठन का नाम इस्तेमाल करने वालों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

जयस के संस्थापकों ने कहा कि कुछ संगठन 'जयस का नाम इस्तेमाल कर ये भ्रम फैला रहे हैं कि जयस ने विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिये प्रत्याशी खड़े किये है। जबकि जयस ने अधिकृत रूप से कोई भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारे हैं।

Updated: Nov 01, 2023, 09:54 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का काउंडाउन शुरू हो गया है। तमाम दल मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। इसी बीच कुछ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जयस संगठनों द्वारा उम्मीदवार उतारने संबंधी अफवाह फैल रहे हैं। जयस ने बयान जारी कर इसका खंडन किया है साथ ही कहा है कि संगठन का नाम इस्तेमाल करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

जयस आदिवासी संगठन के संस्थापक द्वय कड़वाजी मण्डलोई और रवि गतखने ने संयुक्त रूप से जारी किये गए अपने बयान में कहा की जनशक्ति आदिवासी युवा संगठन 'जयस' नाम से एक मात्र सामाजिक पंजीकृत संस्था है जिसका पंजीकरण क्र. 03/30/07/23667/ 21 है जिसका मुख्यालय ग्राम सुरपाल त बडवाह जिला खरगोन में स्थित है तथा प्रदेश कार्यालय बागसेवनिया भोपाल में है।

संस्थापकों ने कहा की हमने आदिवासी युवाओं को राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से यह सामाजिक संस्था तैयार की है। हमने टंट्या भील कर्मस्थली का विकास करवाया। आदिवासी छात्र/छात्राओं की निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने का कार्य किया। कड़वाजी मण्डलोई ने बताया की 4 अप्रेल को टंट्या भील की जयंती पर भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कोठडा में मेला आयोजित किया गया। उन्होंने कहा की मध्य प्रदेश सरकार की गौरव यात्रा के दौरान टंट्या भील के नकली वंशजो का सम्मान किया जा रहा था उसका विरोध करते हमने न्याय यात्रा निकालकर टंट्या भील के असली वंशज रूपचंद सिरसाठे, दरियाव सिरसाठे, किशोर सोमाजी सिरसाठे, सुरतिया जी, सुनील सिरसाठे का विधि पूर्वक सम्मान किया।

रवि गतखने ने बताया कि जहां एक और हम आदिवासी समाज के युवक रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं वहीं भाजपा सरकार में पैसा एक्ट के अंतर्गत संपूर्ण मध्य प्रदेश में 89 अधिसूचित विकास खण्डों में 5221 पदों पर बीजेपी पदाधिकारियों की नियुक्ति पैसा मोबिलाइजर के रूप में कर दी है। जहां इन नियुक्तियों का उद्देश्य आदिवासी सामाजिक समाज का उत्थान होना था वहीं सरकार ने बीजेपी नेताओं की नियुक्ति कर विशुद्ध राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से ये काम किया है। अतः हम मध्य प्रदेश चुनाव आयोग से अनुरोध करते है कि इन नियुक्तियों को तत्काल निरस्त किया जाये और इन्हें किसी भी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जायें।

जयस के एक और संस्थापक रवि गतखने ने बताया की हमारी संस्था जयस का मूल उद्देश्य आदिवासी समाज के कल्याण के लिए कार्य कर उसे समाज की मूल धारा में लाकर खड़े करना है। जयस के संस्थापकों ने कहा कि कुछ संगठन 'जयस का नाम इस्तेमाल कर ये भ्रम फैला रहे हैं कि जयस ने विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिये प्रत्याशी खड़े किये है। जबकि जयस ने अधिकृत रूप से कोई भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारे हैं। मूल पंजीकृत संस्था जयस, (जन शक्ति आदिवासी युवा संगठन) का चुनाव से कोई लेना देना नही है। ये हमारा आरोप है की सुनियोजित तरीके से षडयंत्र रचकर आदिवासी मतों को विभाजित करने का काम कतिपय संगठनों द्वारा किया गया है। 

उन्होंने कहा चूंकि जयस नाम से अन्य कोई संख्या पंजीकृत ही नहीं है तो उन्हें चुनाव लड़ने लड़ाने का सवाल ही नहीं है तो उ नहीं उठता। हम चुनाव आयोग से विनती करते हैं कि 'जयस नाम के किसी भी संगठन के प्रत्याशी का नाम अधिकृत न करें। यदि जयस का नाम कोई भी संगठन अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए चुनाव में इस्तेमाल करता है तो हम ऐसे संगठन पर कानूनी कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटेंगे।