व्यापमं घोटाले की जांच रोकने के लिए गिरायी गई थी कमलनाथ सरकार: दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही पंचायत प्रतिनिधियों को दिए जाएंगे सारे अधिकार, हमारी सरकार पहले भी यह अधिकार दे चुकी है... दमोह के हटा में बोले दिग्विजय सिंह

Updated: Apr 14, 2023, 01:56 PM IST

दमोह। कांग्रेस के कद्दावर नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के दौरे पर हैं। शुक्रवार को सिंह ने दमोह जिले के हटा विधानसभा क्षेत्र में प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि व्यापमं घोटाले की जांच रोकने के लिए भाजपा ने धनबल से कमलनाथ की सरकार गिरायी थी। उन्होंने कहा कि अन्यथा क्या वजह थी कि शिवराज चौहान को मीटिंग में कहना पड़ा कि 'सरकार नहीं आती तो हम तबाह हो जाते।'

सिंह ने मीडिया से कहा, 'कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में जो निर्णय लिए वह आपके सामने है। हमने किसानों का कर्जमाफ किया, बिजली बिल 100 रुपए में 100 यूनिट किया। भाजपा नेता दुष्प्रचार करते हैं कि किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। लेकिन सच यह है कि स्वयं सीएम के रिश्तेदारों के कर्ज माफ हुए थे। गरीबों को हमारी सरकार पहले 300 रुपए देती थी, लेकिन भाजपा ने एक रुपए नहीं बढ़ाया। हमने 2018 में सरकार आते ही उसे बढ़ाकर तत्काल 600 कर दिया।' 

सिंह ने कहा, 'कमलनाथ ने वादा किया था कि हम प्रदेश में एक हजार गौशाला खोलेंगे। कांग्रेस सरकार ने हर गौशाला के लिए 15 से 20 लाख रुपए की राशि भी दी। गौशाला में चारे का पैसा दो रुपए प्रति पशु था उसे बढ़ाकर कमलनाथ सरकार ने 20 रुपए कर दिया। उन्होंने व्यापम का जो केस था उसकी जांच शुरू की लेकिन सरकार गिर गई। शिवराज सिंह चौहान ने एक मीटिंग में कहा कि मजबूरी में ये करना पड़ा, सरकार नहीं आती तो हम तबाह हो जाते।' सिंह ने कहा, 'कांग्रेस सरकार रहती तो व्यापमं घोटाले में उनका पोल खुल जाती। यही भय था जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार गिरायी गयी।

आगे उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और बजरंग दल के लोग जो ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए थे, उसकी जांच होनी थी। जिनके पास साइकिल नहीं थी आज वे बड़ी गाड़ियों में घूम रहे हैं, इन्होंने जो काली कमाई की है उसकी पोल खुल जाती। इसी बात से डरकर भाजपा नेताओं में काली कमाई के पैसे से हमारे धनलोभी विधायकों को खरीद लिया। भाजपा के लोग भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात करते हैं, लेकिन इनसे भ्रष्ट कोई नहीं है।'

पूर्व सीएम ने आगे कहा, 'हमारी सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को सारे अधिकार दिए थे। भाजपा ने उसे भी समाप्त कर दिया। यदि इस साल कांग्रेस की सरकार आती है तो पंचायत प्रतिनिधियों को वही अधिकार वापस दिए जाएंगे जो पहले हमारी सरकार ने दिए थे। हमने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को पट्टे भी दिए थे लेकिन शासन बदलते ही पट्टे निरस्त कर दिए गए। दबंगों ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया। भाजपा का घोषणापत्र देख लीजिए, उन्होंने जो वादा किया था उसे कितना पूरा किया?'

सिंह ने कहा, 'भाजपा शासन में गरीब और गरीब होता गया लेकिन अमीर ज्यादा अमीर हो गए। गौतम अडानी अमीरों की गोलबल रैंकिंग में 127वें नंबर पर थे लेकिन मोदी जी की कृपा से तीसरे नंबर पर आ गए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में पता चला कि उनका शेयर काले धन के निवेश से बढ़ गया था। रिपोर्ट आने के बाद चार हजार का शेयर 11 सौ तक आ गया। कंपनी के शेयर खरीदने वालों को 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। राहुल गांधी ने जांच की मांग की तो संसद में उनका भाषण विलोपित कर दिया। चार साल पुराने एक बयान को लेकर लोकसभा की सदस्यता छीन ली गई। टारगेट राहुल गांधी की सदस्यता छीनने का था और बहाना बना मानहानि का मामला।'

सिंह ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'शिवराज जी को लाडली बहना की याद 20 साल बाद आयी है। बीस साल तक बहना की कभी याद नहीं आयी। भांजे-भांजियों को बेरोजगारी भत्ता देने की याद नहीं आयी। लेकिन चुनाव के पहले लोगों को गुमराह करने के लिए बड़े-बड़े घोषणा कर रहे हैं। जो रसोई गैस 400 रुपए की थी वो आज 1200 में हो गई। हम राज्य में सरकार आते ही 500 रुपए में सिलेंडर देंगे। सरकार आएगी तो हम सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली फिर से देंगे। महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह का वादा पहले ही कमलनाथ जी ने कर दिया है। सेवानिवृति कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू किया जाएगा।'