करणी सेना का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, सरकार के साथ बातचीत रही बेनतीजा
करणी सेना के लोग आज मंगलवार को भी अवधपुरी जाने वाली रोड पर ही धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि हम यहां से नहीं हटेंगे, जबतक हमारी मांगें पूरी न हो जाए।

भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी है। करणी सेना परिवार और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। इधर करणी सैनिक भेल एरिया में स्थित महात्मा गांधी चौराहे के समीप रोड़ ब्लॉक कर बैठ गए हैं।
दरअसल, सोमवार को करण सैनिक ज्योति टाकीज चौराहा पहुंचकर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर महात्मा गांधी चौराहे पर रोक दिया। इसके बाद से वह वहीं धरने पर बैठे हुए हैं। धरना स्थल पर हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद हैं। सरकार के मंत्री अरविंद भदौरिया करणी सैनिकों से कई दौर की बातचीत कर चुके हैं, पर यह बातचीत बेनतीजा रही।
करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि हम तो चर्चा करने के लिए ही आए हैं। मंच से हमने बार-बार कहा कि कोई ऐसा व्यक्ति हमारे बीच में आए जो लिखित में हमें आश्वासन देकर कमेटी बनवा सके। हम रविवार को शाम 4 बजे विधानसभा घेराव करने वाले थे हमसे प्रशासन ने कहा दो घंटे के अंदर आपसे चर्चा के लिए सरकार की तरफ से कोई आएगा लेकिन कोई नहीं आया।
मध्यप्रदेश : भोपाल में चल रहा करणी सेना का जन आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, सरकार के साथ बातचीत रही बेनतीजा।#MadhyaPradesh #Bhopal #KarniSenaProtest @JivanSherpur @SKaluheda @INCMP @IYCMadhya pic.twitter.com/NM9d7qJHpt
— humsamvet (@humsamvet) January 10, 2023
शेरपुर ने कहा, 'हम नहीं चाहते किसी को परेशानी हो लेकिन सरकार हमारी बात सुनना ही नहीं चाहती। सरकार के लोग सोच रहे हैं कि हम खुद थक हार कर वापस चले जाएंगे। वे यह बात दिमाग से निकाल दें अब हम भोपाल से तभी जाएंगे जब हमारी मांगें मानी जाएंगी या हम यहीं भूखों मर जाएंगे लेकिन हटेंगे नहीं। हमारे जो लोग अपने घर चले गए थे वे वापस आ रहे हैं हमने उन्हें मना किया है लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं। हमें प्रशासन ने बैरिकेड लगाकर रोक लिया है हम यहीं सड़क पर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।'
दरअसल, करणी सेना परिवार के मांग पत्र में शामिल 22 मांगों में कुछ मांगें ऐसी हैं जिनपर निर्णय राज्य के अधीन नहीं हैं। करणी सेना परिवार के लोग उन मांगों पर लिखित में आश्वासन के साथ ही मंत्रियों की कमेटी बनाने और करणी सेना के लोगों को उस कमेटी में रखने की जिद पर अड़े हैं। साथ ही जो मांगें राज्य सरकार के अधीन है उसे तत्काल पूरा करने संबंधी आदेश जारी करने के कह रहे हैं। बहरहाल, अब देखना यह होगा कि चुनावी साल में सीएम शिवराज इस आंदोलन से कैसे निपटती है।