भोपाल में साइबर ठगों से परेशान वकील ने की आत्महत्या, ठगों ने दी थी आतंकी फंडिंग में फंसाने की धमकी

अज्ञात कॉलर ने उनसे कहा था कि आतंकी साजिश में तुम्हारे बैंक खाते से फंडिंग की गई। यह फोन आने के बाद से वे तनाव में रहने लगे थे और परेशान होकर उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

Updated: Nov 26, 2025, 04:22 PM IST

भोपाल। भोपाल के जहांगीराबाद इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां साइबर ठगों की ओर से झूठी आतंकी फंडिंग धमकी से घबराकर शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता ने खुदकुशी कर ली। 62 वर्षीय शिवकुमार वर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस को मौके से एक विस्तृत सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि देशद्रोही कहलाने का डर उन्हें अंदर तक तोड़ गया।

जहांगीराबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत बरखेड़ी में रहने वाले शिवकुमार वर्मा का बेटा पुणे में नौकरी करता है, जबकि पत्नी और बेटी इलाज के लिए दिल्ली गई हुई थीं। घर पर वे अकेले ही थे। सोमवार रात पत्नी ने उन्हें फोन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। चिंता होने पर परिवार ने किरायेदार को देखने भेजा। किरायेदार ने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब न मिलने पर जब उसने अंदर झांका, तो वर्मा का शव पंखे से लटका मिला। सूचना पर पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा।

पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है जिसमें वर्मा ने लिखा है कि पिछले दिनों उनके पास किसी अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया था। उसने कहा था कि तुम्हारा नाम हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके में आया है। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है, 'मैं अपनी मर्जी से आत्म हत्या कर रहा हूँ क्योंकि मेरे नाम से HDFC बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर उसका इस्तेमाल आतंकि फंडिग में किया गया है और मेरे ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।

सुसाइड नोट में वर्मा ने लिखा कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान उन्होंने सैकड़ों मृतकों का अंतिम संस्कार कराया था। उनकी सेवा को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई थी। वर्मा करीब 50 बार रक्तदान कर चुके थे और कई लोगों की जान बचाई थी। बहरहाल, पुलिस का मानना है कि वर्मा को जिस फोन कॉल ने डराया, वह संभवतः साइबर ठगों का था, जो आतंकियों को फंडिंग का झूठा आरोप लगाकर उनसे पैसे ऐंठना चाहते थे।