भिण्ड कलेक्टर की निष्पक्षता पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल, मतगणना से अलग रखने की मांग की

डाॅ गोविन्द सिह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि उन्हें कलेक्टर भिण्ड के रवैये को देखते हुए संदेह है कि उनके रहते निष्पक्षतापूर्वक मतगणना संभव नहीं है।

Updated: Nov 23, 2023, 06:38 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के सभी भावी सदस्यों की किस्मत ईवीएम में क़ैद हो गयी है। अब सभी को 3 दिसंबर का इंतज़ार है। इसी दिन ईवीएम को 3 लेयर सुरक्षा से निकालकर वोट गिने जाएंगे। मतगणना से पूर्व ईवीएम के साथ किसी भी तरीके की गड़बड़ी या छेड़छाड़ ना हो, इसके लिए कांग्रेस बेहद सचेत है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर भिंड कलेक्टर को काउंटिंग से अलग रखने की मांग की है।

विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविन्द सिंह ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव की निष्पक्षता पर संदेह उठाते हुए उन्हें मतगणना की प्रक्रिया से अलग रखने की मांग की है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से मुलाकात करके कहा कि भिण्ड कलेक्टर शुरू से ही चुुनाव को प्रभावित करने और भाजपा के एजेन्ट के रूप में काम कर रहे है। सिंह ने कहा कि भिण्ड कलेक्टर अपनी पदस्थापना के समय से ही अपने अधीनस्थ अधिकारियो से यह पूछते रहे हैं कि डाॅ. गोविन्द सिंह सात बार किस प्रकार चुनाव जीते है।

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डाॅ. गोविन्द सिंह ने बताया कि भिण्ड कलेक्टर पूरे जिले के निर्वाचन अधिकारी है, लेकिन मतदान के दिन वे केवल लहार विधानसभा क्षेत्र में पूरे दिन मतदान शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक घूमते रहे। उनके निर्देश पर बीएसएफ कर्मी मतदान करने वाले मतदाताओं के आधार कार्ड की जांच कर रहे थे। जबकि यह काम पीठासीन अधिकारी का हैं। बीएसएफ द्वारा मतदाताओं से पूछताछ किये जाने से क्षेत्र में भय व्याप्त हो गया।

डाॅ. सिंह ने कहा कि मतदान केंद्र 50 धनुपुरा और 45 गांध में अनेक मतदाताओं के साथ मारपीट की गई जिससे कोई मतदान नहीं कर सके। कलेक्टर के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के मतदान अभिकर्ताओं को मतदान केन्द्र से बाहर बैठाकर रखा गया और पीठासीन अधिकारियों द्वारा भाजपा के पक्ष में फर्जी मतदान कराया गया। लहार में निर्वाचन के कार्य में लगे शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा डाले गये डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा नहीं किया गया। इसकी शिकायत करने के बाद लहार की आईटीआई में एक खुली अलमारी में डाक मत पत्र पाए गए जिसमें कई लिफाफे खुले हुये थे। एक दिन बाद इन डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा कराया गया।

डाॅ. गोविन्द सिंह बताया कि कई कर्मचारी जो ड्यूटी में संलग्न थे लेकिन उनका नाम डाक मत सूची नहीं शामिल किया गया जिससे वह मतदान से वंचित रह गये। डाॅ. गोविन्द सिह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि उन्हें कलेक्टर भिण्ड के रवैये को देखते हुए संदेह है कि उनके रहते निष्पक्षतापूर्वक मतगणना संभव नहीं है। उन्होंने मांग की है कि लहार क्षेत्र की मतगणना से कलेक्टर भिण्ड को अलग रखते हुए किसी अन्य अधिकारी को दायित्व सौंपा जाए ताकि मतगणना निष्पक्षतापूर्वक हो सके।