मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालों को बनाया जाएगा मेडिकल कॉलेज, 75 फीसदी बेड गरीबों के लिए होंगे रिजर्व
मोहन यादव कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के हर ऐसे जिले, जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां इन्हें PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक मंत्रालय में हुई। बैठक में कैबिनेट ने प्रदेश में जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दी गई। मेडिकल कॉलेज PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर स्थापित की जाएगी। यानी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के संचालन का काम प्राइवेट एजेंसी को दिया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अस्पतालों में 75 फीसदी बेड गरीबों के लिए आरक्षित होंगे। प्राइवेट एजेंसी 25 फीसदी बेड इस्तेमाल कर सकेगी। बैठक में डायल 100 की संचालन कंपनी M/s-BVG India Ltd. की समय सीमा 6 माह बढ़ाने संबंधी निर्णय लिया गया।
कैबिनेट द्वारा प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। इसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। स्वीकृत की गई परियोजनाओं में पन्ना जिले के विकासखंड शाहनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 577 ग्राम पेयजल सुविधा से भी लाभान्वित होंगे।
कैबिनेट द्वारा न्यू डेवलपमेंट बैंक की सहायता से म.प्र. में राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये 5 हजार 812 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति दी गई। परियोजना के लिए 4 हजार 68 करोड़ रूपये का ऋण न्यू डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा प्रदाय किया जायेगा एवं शेष 1 हजार 744 करोड़ रूपये राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। योजनांतर्गत प्रदेश में लगभग 884.63 कि.मी. राज्य राजमार्गों/मुख्य जिला मार्गों का विकास 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर/4-लेन में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एण्ड कंसस्ट्रक्शन (ई.पी.सी.) मॉडल पर किया जाए।