भोपाल में कांग्रेस का विधिक विमर्श, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सुनी प्रदेशभर के वकीलों की समस्याएं

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मंच से वकीलों से जुड़ी मांगें रखते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में 1 लाख 35 वकील हैं। ये वकील किसी भी पार्टी के लिए भाग्यविधाता हैं। कमलनाथ जी, दिग्विजय जी आप वकीलों को चुनाव में प्राथमिकता दीजिए। हमारी पांच मुख्य मांगें हैं। सरकार बनने पर इन्हें पूरा कीजिए। 

Updated: Aug 19, 2023, 06:48 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सभी वर्गों को साधने की कोशिश में जुटी है। शनिवार राजधानी भोपाल में शनिवार को प्रदेशभर के वकीलों का बड़ा कार्यक्रम विधिक विमर्श का आयोजन किया गया। भोपाल के बीएसएस कॉलेज में आयोजित इस 'विधिक विमर्श' कार्यक्रम में पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेशभर के वकीलों की समस्याएं सुनी।

वकीलों की एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने, कॉन्ट्रीब्यूट्री पेंशन स्कीम शुरू करने, हेल्थ इंश्योरेंस, स्टायपेंड देने और सभी बार एसोसिएशन के बिजली बिल माफ करने की मांगें हैं। कांग्रेस विधि विभाग के नवनियुक्त अध्यक्ष शशांक शेखर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने मंच से मांग रखी कि अधिवक्ताओं के लिए को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी होनी चाहिए। 

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मंच से वकीलों से जुड़ी मांगें रखीं। उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में 1 लाख 35 वकील हैं। ये वकील किसी भी पार्टी के लिए भाग्यविधाता हैं। कमलनाथ जी, दिग्विजय जी आप वकीलों को चुनाव में प्राथमिकता दीजिए। हमारी पांच मुख्य मांगें हैं। सरकार बनने पर इन्हें पूरा कीजिए। तन्खा ने कहा कि एडवोकेट वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट लाए, ओल्ड एज पेंशन की व्यवस्था करें, सहयोग राशि बार काउंसिल और एसोसिएशन को दें। नए वकीलों को कम से कम 3 साल तक स्टाइपेंड मिले, क्योंकि वकालत अब सबसे पसंदीदा पेशा हो गया है।' 

विवेक तन्खा ने आगे कहा, 'युवा इस पेशे में आ रहा है। वकीलों के स्वास्थ्य सुविधा और खर्च की व्यवस्था की जाए। वकील परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करें। वकीलों के कोर्ट परिसर के चैंम्बर और कमरों के बिजली बिल का खर्च सरकार उठाए।' कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा। उन्होंने अबकी बार भ्रष्टाचार की व्यवस्था से मुकाबला होने की बात कही। प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा उठा। कहा कि युवाओं को रोजगार मिलने की घोषणाएं ही होती हैं। इस झूठ, आश्वासन से जनता का पेट नहीं भरता। भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं बची है। आगामी विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगा।

वकीलों की मुख्य मांगें

* नए वकीलों को सरकार 3 साल तक उनके खर्च के लिए स्टायपेंड मिलें।
* वकीलों और उनके परिवारों के इलाज के लिए सरकार और बार काउंसिल मिलकर मदद करें।
* बुजुर्ग वकीलों के लिए पेंशन स्कीम बने।
* कोर्ट परिसर में वकीलों के चैम्बर और कमरों का बिजली बिल का भुगतान सरकार करें।