एमपी की मंडी में यूपी आपदा राहत का गेहूं

Corruption and the Coronavirus: आपदा को अवसर में बदलने का रास्ता बनाते गेहूं चोर

Publish: May 18, 2020, 01:01 AM IST

कोरोना से हुए लॉकडाउन में जहां देश की बड़ी आबादी भोजन और भूख के संकट से जूझ रही है, वहीं भ्रष्टाचारियों ने आपदा को अवसर में बदलने का रास्ता ढ़ूंढ़ लिया है। यूपी में आपदा राहत का गेहूं मध्य प्रदेश की मंडियों में खुलेआम बेचा जा रहा है। यह मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले का है।  जहां की मंडियों में उत्तर प्रदेश में कोरोना आपदा वितरण के लिए बंटने वाला गेहूं बेचने के लिए आया लाया गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस सिलसिले में 5 ट्रकों को जब्त किया है और एक एफआईआर लिखने की प्रकिया भी चल रही है। आशंका है कि ये गेहूं यूपी के ललितपुर इलाके से यहां लाया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि यह सिलसिला स्थानीय मंडियों में पिछले कई दिनों से चल रहा था।

असल में, मध्य प्रदेश का सागर जिला उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे ललितपुर से सटा हुआ है। और यहां पर जो ट्रकें पकड़ी गई हैं, उसमें भी ललितपुर का स्टिकर लगा है। सागर जिले की सीहोरा कृषि मंडी में खरीदी केंद्रों में शनिवार को पांच आयशर ट्रक गेहूं बिकने जा रहा था। जिसमें से दो ट्रक गेहूं खाली होकर ट्रैक्टर ट्राली में भरा जा चुका था और बिकने के लिए इसे मंडी प्रांगण में लाया गया था। मामले की सूचना पूरे प्रशासन में आग की तरह फैल गई। तत्काल मौके पर पुलिस अमला, खाद्य नियंत्रक अमला, और खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के आला अधिकारी पहुंचे तो पाया कि यूपी से आया गेहूं राय वेयर हाउस के सामने खड़े आयशर ट्रकों में भरा हुआ है। यहां से ट्रैक्टर ट्राली में भरकर उसे खरीदी केंद्रों पर लाकर तुलवाया जा रहा है। मौके से तीन ट्रक गेहूं की बोरियों से भरे हुए और दो ट्रक खाली मिले। खाली ट्रकों का गेहूं ट्रालियों में भरा हुआ मंडी प्रांगण में बरामद किया गया। अधिकारियों ने पंचनामा कार्यवाही कर पांच ट्रक, तीन ट्रैक्टर ट्राली को जब्त कर राहतगढ़ थाने में जमा कर दिया है। करीब पांच-पांच सौ क्विंटल गेंहूं बरामद कर वेयर हाउस में रखवाया गया है। साथ ही एफआईआर के लिए मामला पुलिस को दे दिया है। सभी ट्रकों पर कोविड-19 रसद आपूर्ति ललितपुर लिखा है। इसके बावजूद यह उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सीमा में बिना रोक-टोक कैसे आ गए। यह सागर और ललितपुर प्रशासन दोनों पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।

वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मामला सिर्फ आज का नहीं है बल्कि यह सिलसिला विगत 15 दिनों से निरंतर जारी है। जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम सागर संजय सिंह ने कहा है कि जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया हम लोगों ने तत्काल कार्रवाई की है। ट्रक और ट्रैक्टर जब्त कराये हैं और कानूनी कार्रवाई के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया है।

Click  मंडिया कॉरपोरेट को सौंपने का इंतजाम

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से केवल अत्‍यावश्‍यक सामग्री के परिवहन को छोड़ कर अन्‍य सभी तरह का परिवहन बंद है। लेकिन गेहूं भ्रष्‍टाचार के लिए इसी नियम में मिली छूट का लाभ उठाया गया। अब लॉकडाउन 4.0 की नई गाइडलाइन आने के बाद हो सकता है कि भ्रष्टाचारियों के लिए परिवहन और आसान हो जाए।