मऊगंज में घर में मिले पिता और दो बच्चों के शव, इसी गांव में हुआ था पुलिस पर हमला
मऊगंज के गड़रा गांव में एक घर से तीन शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस और एफएसएल की टीम, परिजनों ने लगाए पुलिस पर मारपीट के आरोप

मऊगंज। मऊगंज के गड़रा गांव में एक घर से एक साथ तीन शव मिलने से सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। मौके पर एफएसएल की टीम को बुलाया गया। टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और तफ्तीश में जुट गई।
पुलिस घटना को प्रथम दृष्टया आत्महत्या से जोड़कर देख रही है। तीनों शव पिता, पुत्र और पुत्री के बताए जा रहे हैं। शव कुछ दिन पुराने हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि टीम जांच में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी।
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पुलिस जब गेट खोलकर अंदर गई तो तीन शव फंदे से झूल रहे थे। उनकी पहचान औसेरी साकेत, उसकी बेटी मीनाक्षी (11) और बेटे अमन (8) के रूप में हुई है। औसेरी के भाई की पत्नी का कहना है कि पिछले दिनों हिंसा के बाद गांव में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ने जेठ से मारपीट की थी। उसी दिन से उन्होंने घर का गेट नहीं खोला। तीन मौतों के लिए पुलिस जिम्मेदार है।
वहीं, रीवा आईजी गौरव राजपूत ने कहा कि औसेरी साकेत के घर से बदबू आ रही थी। घर के अंदर औसेरी, बेटी मीनाक्षी (11) और बेटे अमन (8) के शव मिले हैं। पारिवारिक कारणों के चलते सामूहिक सुसाइड का मामला लग रहा है। 15 मार्च को हुई हिंसा से यह मामला पूरी तरह से अलग है।
बता दें कि यह मामला उसी गडरा गांव का है जहां पर तकरीबन 20 दिन पूर्व गांव के ही रहने वाले युवक शनि द्विवेदी की बंधक बनाकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। युवक की हत्या के बाद कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम पर भी ग्रामीणों ने जमकर पत्थरबाजी की थी जिसमे एक पुलिस कर्मी ASI रामचरण गौतम की भी मौत हो गई थी।
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल निर्मित हुआ था इसी दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के DGP भी गड़रा गांव पहुंचें थे। अब एक बार फिर गडरा गांव एक साथ तीन लोगो की मौत से सहम गया है।