मध्य प्रदेश में फिर बढ़ा लंपी वायरस का कहर, महामारी के चपेट में आए 33 जिलों के हजारों पशु
मवेशियों में होने वाली घातक बीमारी लंपी वायरस प्रदेश के 33 जिलों में फैल चुका है। पिछले कुछ दिनों में हजारों मवेशी इसके चपेट में आ गए हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार लंपी वायरस का प्रकोप एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में गौवंश की मौत की मौत हो रही है। वर्तमान में प्रदेश के 33 जिले में पशु लंपी वायरस से प्रभावित हैं। हालांकि, सिर्फ 20 जिलों में अभी तक इस रोग की प्रयोगशाला में पुष्टि हुई है। इसके अलावा बताया गया है कि पिछले तीन महीने में प्रदेश के कुल 25 हजार 691 पशु लंपी वायरस के शिकार हुए हैं। इसमें से 22 हजार 975 पशु लंपी वायरस से ठीक हो चुके हैं।
लंपी वायरस का कहर राजधानी भोपाल में भी देखा जा रहा है। यहां भी ये वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में लंपी वायरस के फिलहाल 2333 सक्रिय केस हैं। इसके अलावा 26 लाख 50 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। लंपी वायरस की वजह से 9 गौवंशों की मौत हो गई है। जिलों में वैक्सीनेशन की पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने की वजह से पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है।
लंपी स्किन वायरस एक वायरल त्वचा रोग है जो मुख्य रूप से मवेशियों को प्रभावित करता है। यह खून चूसने वाले कीड़ों, जैसे मक्खियों, मच्छरों की कुछ प्रजातियों से फैलता है। लंपी के शुरुआती लक्षण में पशुओं को बुखार आती है और त्वचा पर गांठ पड़ जाती है। लंपी स्किन वायरस से संक्रमित पशु को सबसे पहले हलका बुखार आता है। फिर मुंह से लार अधिक निकलती है और आंख-नाक से पानी बहता है। पशुओं के लिंफ नोड्स और पैरों में सूजन रहती है। संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है। गर्भित पशु में गर्भपात का खतरा रहता है और कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है। पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 02 से 05 सेमी आकार की कठोर गठानें बनने लगती है।