'सूने साज सुने सरकार' : मदद की दरकार, कलाकार कहां जाएं?

Lockdown 5.0 में कार्यक्रम बंद, संकट में संस्‍कृतिकर्मी, कलाकारों  ने ‘सूने साज’ के साथ प्रदर्शन कर कहा कि सरकार हमारी पीड़ा भी सुने।

Publish: Jun 03, 2020, 08:19 PM IST

Coronavirus ने देश के सभी वर्गों को प्रभावित किया है। सरकार ने सभी को राहत देने के लिए कुछ रियायतों और पैकेज की घोषणाएं की हैं मगर प्रदर्शनकारी कलाओं से जुड़े संस्‍कृतिकर्मियों को कोई राहत नहीं मिली है। कोरोना महामारी के चलते रंगकर्मी, गायक, नर्तक, वादक, फोटोग्राफ़र, चित्रकारों, बैक स्टेज पर कार्य कर रहे तकनीशियन एवं अन्य विधाओं से जुड़े कलाकारों के सामने अब रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। अपने कलाकर्म के प्रदर्शन और सरकार से मिलने वाली सहायता से वंचित विभिन्न विधाओं के कलाकारों  ने भोपाल सहित विभिन्‍न स्‍थनों पर ‘सूने साज’ के साथ प्रदर्शन कर कहा कि सरकार हमारी पीड़ा भी सुने। संस्‍कृतिकर्मियों ने मांग की है कि इस महामारी के दौर में सरकार इन कलाकारों की भी सुध लें। उन्‍हें मदद और कला प्रदर्शन का मौका दोनों चाहिए।

ये वे कलाकार हैं जिनकी आजीविका कला प्रदर्शनों से ही चलती है। लॉकडाउन के कारण इनके सारे शो रद्द हो गए। ये खाली बैठे हैं और आगे उम्‍मीद भी नहीं है कि कितने दिनों बाद कैसा काम मिलेगा। बीते कई दिनों से कलाकर्म नहीं करने से ये कलाकार आर्थिक संकटों से घिर गए हैं। अधिकतर कलाकारों की आजीविका का साधन सांस्कृतिक कार्यक्रम ही हैं। इस महामारी के कारण सारे कार्यक्रमों पर रोक लग गई हैं। संस्‍कृतिकर्मियों कलाकारों का कहना है कि जिस तरह सरकार सभी वर्गों के लिए आर्थिक रूप से सहायता कर रही है। उनके लिए कई तरह की रियायत और पैकेज की घोषणा कर रही है उसी प्रकार कलाकारों की भी सुध ली जाए। कलाकार किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते हैं। संस्‍कृतिकर्मियों को भी सम्‍मान से जीने का अधिकार है। जिन कलाकारों ने देश की संस्कृति को संजोकर रखा हैं आज उन का पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। वे भूखे रहने की कगार पर है। उन पर मानसिक दबाव है। ये कलाकार आखिर अपनी समस्‍या कहे भी किसे, इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। प्रदर्शनकारी कलाओं से जुड़े हुए कलाकार आर्थिक ओर मानसिक दोनों रूपों में परेशान हैं। जब सरकार हर वर्ग की स्थितियों को सुधारने के लिए तत्पर हैं तो कलाकार भी इन सुविधाओं से अछूते क्यो रहें। सभी कलाकारों ने द्वारा सरकार से अपील की है कि इस संकट की घड़ी में कलाकारों की भी मदद करें।

रंगकर्मी-गायक विभा श्रीवास्तव बताती हैं कि यह राष्ट्रीय आपदा का वक्त है। कलाकार भी संकट में हैं। वे सरकार की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं। मजदूरों के लिए, किसानों के लिए, सभी वर्ग के लोगों के लिए सरकार ने सहायता की है तो फ्री लांसर के रूप में कार्य करने वाले संस्‍कृ‍ति‍कर्मियों की आजीविका की चिंता भी तो सरकार को करनी होगी। कलाकार कोरोना के प्रति जागरूकता बढ़ाने, सकरात्मकता फ़ैलाने और लोगों का हौंसला बढ़ाने के लिए अपनी कला के साथ तैयार भी हैं। हमें मौके और मदद दोनों की ज़रुरत है। इस प्रदर्शन में वरिष्ठ रंगकर्मी-गायक राजीव सिंह, वरिष्ठ रंगकर्मी बिशना चौहान, रंगकर्मी कथक डांसर सिन्धु धोलपुरे, रंगकर्मी विशाल आचार्य, वरिष्ठ रंगकर्मी धन्नुलाल सिन्हा, मनोज रावत, संगीता सिन्हा, संदीप पाटिल, डॉली तिवारी, कोरियोग्राफर सुजल हवेले, मेकअप ऑटिस्ट प्रीति शर्मा, सावी भंडारी, म्यूजिशियन  हिरेन्द्र नाजिया,रजनीश,माधुरी गायिका अनिल संसारे,लक्ष्मी नारायण,रवि अर्जुन,सुशोभन पांजा,राजेश ने भाग लिया।