MP : अपनों से रूठे जयभान सिंह पवैया का गुस्‍सा सोनिया गांधी पर फूटा

BJP Politics : ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के आगे पार्टी के सरेंडर से बीजेपी के जमीनी नेता नाराज, BJP ने बदला चाल, चरित्र और चेहरा

Publish: Jul 15, 2020, 02:34 AM IST

Photo courtesy : republic
Photo courtesy : republic

भोपाल। ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की बीजेपी में इंट्री बीजेपी के जमीनी आधार वाले नेताओं को पसंद नहीं आ रही है। जिस नेता और घराने का उम्र भर विरोध किया अब उसी की अपनी पार्टी में सत्‍ता बीजेपी नेताओं को अखर नहीं है। अपनी पार्टी की इस रीति नीति से नाराज ग्‍वालियर क्षेत्र के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया का गुस्‍सा सोनिया गांधी पर फूट पड़ा है।

जय भान सिंह पवैया हिंदुत्‍व की राजनीतिक करते रहे हैं। उन्‍होंने अपने क्षेत्र में महल के विरोध से अपना जमीनी आधार बनाया है। बीजेपी में फायर ब्रांड नेता की इमेज वाले जयभान सिंह पवैया अब अपनी ही पार्टी की नीतियों और सरकार पाने के लालच के आगे असहाय हो गए हैं। सत्‍ता के लिए बीजेपी ने ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के साथ 22 कांग्रेस विधायकों को बीजेपी में शामिल कर लिया। इसके लिए बीजेपी ने अपने ही नेताओं और संस्‍कारों को नजरअंदाज कर दिया।

पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को सत्‍ता के आगे बिछता देख बीजेपी के जमीनी नेता आक्रोश में हैं। यही कारण है कि जब अपनी ही पार्टी नहीं सुन रही है तो पवैया ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी पर नाराज होते हुए कहा कि वे अपनी पार्टी के नेताओं को बीजेपी में आने से रोकें। पवैया ने इशारों इशारों में कहा कि बीजेपी के नेता कब तक सिंधिया और उनके समर्थकों को अपना हक लुटाते रहेंगे?

Click Portfolio Distribution : ज़मीनी नेता ने पूछा, BJP को कहां ले जाना चाहते हैं

अकेले पवैया नहीं ग्‍वालियर में कई नाराज

बीजेपी ने जिस तरह जनता द्वारा चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार गिराई है उससे अकेले पवैया ही नाराज नहीं है। बल्कि कई लोग हैं जो पार्टी के संस्‍कार भूल जाने पर बीजेपी के वर्तमान कर्ताधर्ताओं को कोस रहे हैं। पूर्व मंत्री और महाकोशल क्षेत्र के बीजेपी के आधार कहे जाने वाले विधायक अजय विश्‍नोई लगातार पार्टी के बदले कल्‍चर पर टिप्‍पणी कर रहे हैं। अजय विश्‍नोई ने आज ट्वीट किया है कि बीते सालों में बहुत कुछ बदला। समाज के साथ परिवहन और संचार तक बदला। निश्चित रूप से भाजपा में भी बदलाव आया है, पर हम लोगों के संस्कार नहीं बदले। ये संस्कार कहीं से भी आए हों, पर भाजपा के लोग संस्कारित हैं और रहेंगे।

क्या राजनीति में ऐसे समझौते किए जाते हैं?

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्‍य हीरेंद्र बहादुर सिंह भी ग्‍वालियर क्षेत्र के जमीनी नेता है। उन्‍होंने फेसबुक पर अपनी पीड़ा शेयर की है। उन्‍होंने लिखा है कि जिस तरह से बीजेपी में बाहर के लोग आधिपत्य जमाते जा रहे हैं, अब असली भाजपा कार्यकर्ताओं को क्या करना चाहिए? नियुक्तियाँ भी धड़ाधड़ हो रही हैं। भाजपा में कोई शीर्ष नेता मार्गदर्शन करने बचा है क्या? हम लोगों के लिये सौ सौ बहाने हैं। अब तो दुःख दर्द पूछने वाला भी कोई नहीं है। हम भाजपा कार्यकर्ता कहाँ जायें जिन्होंने पूरी जवानी भाजपा में खपा दी। हालत ये है शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर को माँ बहन की गाली देने वाले एक सहकारिता मंत्री बन गये और एक प्रोटेम स्पीकर। शायद विधानसभा में अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। वाह री भाजपा। हम लोगों ने इसीलिए जवानी खपा दी। क्या राजनीति में ऐसे समझौते किए जाते हैं?

Click MP BJP MLA : बेइज्‍जती से कार्यकर्ता नाराज न हो जाएं

बीजेपी नेताओं की मजबूरी पर कांग्रेस की चुटकी

स्‍वयं को महाराज कहलवाना पसंद करवाने वाले ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया अब बीजेपी में हैं। मंत्रिमंडल गठन और विभाग बंटवारे में बीजेपी सिंधिया के आगे सरेंडर हो गई। पूरी उम्र महल और सिंधिया को कोस कर अपनी राजनीति चमकाने वाले बीजेपी नेताओं को अब उनकी सत्‍ता स्‍वीकारनी पड़ रही है। पवैया जैसे नेताओं की इस मजबूरी पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने चुटकी ली है।

पीसी शर्मा ने ट्वीट किया है कि रानी लक्ष्मीबाई जी की वंदना करने वालों को अब "महाराज" की चरण वंदना करनी होगी। जिनके खिलाफ चुनाव लड़ें उनका प्रचार प्रसार करना होगा। राजनीति में वक्त बदलते देर नहीं लगती क्या पता कल को भाजपा से टिकट नहीं मिला तो यह ट्वीट डिलीट भी करना पड़ जाये। समय बड़ा बलवान।