MP में Corona इलाज के लिए निजी अस्पतालों से सांठगांठ पर याचिका

PIL in high court : सरकारी अस्पतालों में बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को बंसल और चिरायु अस्पताल में भर्ती करवाना संदेहास्पद

Publish: Jun 09, 2020, 04:54 AM IST

क्‍या मध्यप्रदेश में कोरोना इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की पौ बारह हुई है। उन्‍हें लाभ देने के लिए भ्रष्टाचार किया गया है? प्रदेश में कोरोना की विस्‍फोटक स्थिति को छिपाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर के बाद अब निजी अस्‍पतालों से सांठगांठ करने का आरोप लगा गया है। सरकारी अस्‍पताल खाली हैं और निजी अस्‍पतालों में महंगा इलाज करवाया जा रहा है। इन आरोपों के साथ भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर मिश्रा ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोरोना इलाज में मध्‍यप्रदेश में भ्रष्‍टाचार हो रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्‍वर मिश्रा के वकील प्रशांत चौरिसया ने बताया है कि बुधवार को मामले पर सुनवाई होने की उम्मीद है। याचिकाकर्ता ने रिट पिटीशन NP8092/2020 में कहा है कि, 'मध्यप्रदेश सरकार नियम विरुद्ध चिरायु अस्पताल को करोड़ों रुपए दे रही है। सरकारी अस्पतालों में बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को बंसल और चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है जो संदेहास्पद प्रतीत होता है। राजधानी भोपाल में कई अन्य निजी व सरकारी अस्पताल हैं पर उन्होंने बंसल और चिरायु को ही किस मापदंड के आधार पर कोविड अस्पताल के लिए चुना है।’  

याचिका में कहा गया है कि, 'निजी अस्पतालों को प्रतिदिन एक व्यक्ति के लिए लगभग 5400 रुपए दिए जा रहे हैं। यह सर्वविदित है की इस वायरस का अबतक कोई ठोस इलाज नहीं ढूंढा गया है इसलिए अस्पतालों में मरीजों को सिर्फ समान्य आहार व प्रोटीन की सस्ती दवाइयां दी जा रही है जिसका कीमत प्रतिदिन 500 से ज्यादा नहीं है इसलिए 5400 रुपए देना भ्रष्टाचार को साबित करता है। इसके पहले भी चिरायु अस्पताल को सस्ती दरों पर सीएम में 30 एकड़ जमीन लीज पर प्रदान किया था जो विवादों का केंद्र है और सीएम समेत डॉ. अजय गोयनका के खिलाफ सीजेएम एफआईआर करने के आदेश दिए थे।'

मामले पर याचिकाकर्ता भुवनेश्वर मिश्रा ने हम समवेत से कहा कि, 'इस आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के अवसर ढूंढ लिए हैं। हम कोर्ट में अपनी बातें रखेंगे और भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और डॉ. गोयनका समेत अन्य अपराधियों को सलाखों के पीछे भिजवाएंगे। इसके लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़े तो मैं जाऊंगा पर उन्हें संकट काल में ऐसे कृत्यों के सजा दिलाकर रहूंगा।