Unlock 1 : मंदिर में सैनिटाइजर के प्रयोग पर एक राय नहीं पुजारी

पुजारियों ने एमपी के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर मांग की है कि मंदिरों में अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर कर प्रयोग रोका जाए।

Publish: Jun 07, 2020, 10:00 PM IST

Photo courtesy : zee news
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Coronavirus के कारण देश में मार्च अंत से जारी lockdown का अंत हो रहा है। एक-एक कर काम आरंभ हो रहे हैं। प्रदेश में 8 जून से धार्मिक स्‍थल भी खोले जा रहे हैं। मंदिरों को खोलने की गाइड लाइन में समय समय पर सैनिटाइजर का प्रयोग करने का प्रावधान है। सैनिटाइजर में अल्‍कोहल होता है और अब इस बात पर बहस छिड़ी है कि मंदिर में अल्‍कोहलयुक्‍त सैनिटाइजर का प्रयोग उचित है या नहीं? पंडित-पुजारी भी इस सवाल पर एक राय नहीं हैं।

'सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है, मैं मंदिरों में इसके प्रयोग का विरोध करता हूं' एक पंडित के बयान के बाद मंदिर में सेनेटाइजर के उपयोग पर वाद विवाद शुरु हो गया है। इस बारे में पुजारियों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कई मंदिर के पुजारियों का कहना है कि उसे दवा के तौर पर उपयोग करें, क्योंकि कई बार एल्कोहल वाली दवा का सेवन तो सभी ने किया है। उनका तर्क है कि जान है तो जहान है । जबकि कई पुजारियों ने सेनेटाइजर का पुरजोर विरोध किया है।

धार्मिक स्थलों के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर भोपाल मां वैष्णवधाम नव दुर्गा मंदिर के पुजारी ने कहा है कि शासन का कार्य है, गाइडलाइन जारी करना लेकिन वो मंदिरों में सैनिटाइजर के प्रयोग का विरोध करते हैं। पुजारी ने कहा कि सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। इस संबंध में पुजारियों ने एमपी के गृहमंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा से मुलाकात कर अपनी आपत्ति जताई। उन्‍होंने ज्ञापन दे कर मांग की है कि मंदिरों में अल्‍कोहलयुक्‍त सैनिटाइजर कर प्रयोग रोका जाए।

दवा के रुप में उपयोग करें सैनिटाइजर

वहीं भोपाल के रविशंकर नगर दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित राहुल पांडेय का कहना है कि सैनिटाइजर को दवा के रूप में लोगों की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जा रहा है। तो इसका विरोध करना गलत है, उन्हें सैनिटाइजर से हाथ साफ करके मंदिर आने वाले भक्तों से कोई परेशानी नहीं है। सैनिटाइजर कोरोना वाइरस से बचने के लिए है। यदि कोई व्यक्ति शराब के नशे में मंदिर आता है तो हम उसका विरोध करते हैं, लेकिन कोई कफ सिरप या कोई अन्य दवा का सेवन करके मंदिर आता है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। तो सैनिटाइजर में अल्कोहल का विरोध गलत है। कई  दवाओं में अल्कोहल का प्रतिशत तो होता ही है तो सैनेटाइजर से कैसे हो आपत्ति हो सकती है। यह तो संक्रमण से बचने के लिए है।

8 जून से मंदिरों में नहीं बजेंगी घंटियां

8 जून से प्रदेश के मंदिरों की व्यवस्था में बदलाव दिखाई देगा, अब मंदिरों में घंटी नहीं बजेगी। साथ ही पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। भक्तों के अधिक देर तक मंदिर में नहीं रुक सकेंगे, दर्शन करके जल्द ही वापस लौटना होगा, पूजा से लेकर प्रसाद और फूल चढ़ाने के साथ ही अगरबत्ती तक लगाने पर पाबंदी रहेगी।