MP देश का चौथा सबसे गरीब राज्य, कमलनाथ बोले- मुंह चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है

कुपोषण और शिशु मृत्यु के मामले में मध्य प्रदेश टॉप 3 सबसे बदतर राज्यों में शामिल, टॉयलेट और पेयजल तक की व्यवस्था नहीं, 36.65 फीसदी आबादी गरीब

Updated: Nov 25, 2021, 07:33 AM IST

Photo Courtesy: Deccan Herald
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भोपाल। गरीबी और बदइंतजामी के मामले में मध्य प्रदेश ने रिकॉर्ड स्थापित किया है। मध्य प्रदेश को सबसे गरीब राज्यों की सूची में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। कुपोषण के मामले में तो देशभर में मध्य प्रदेश का तीसरा स्थान है। शिशु एवं किशोर मृत्यु दर में भी मध्य प्रदेश शीर्ष तीन राज्यों में शामिल हैं। नीति आयोग के  आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है।

दरअसल, नीति आयोग ने देश का पहला मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (बहुआयामी गरीबी सूचकांक-MPI) जारी किया है। नेशनल इंडेक्स के मुताबिक मध्य प्रदेश की 36.65 फीसदी आबादी गरीब है। गरीबी में 51.91 फीसदी के साथ बिहार टॉप पर है वहीं महज 0.71 फीसदी गरीबी के साथ केरल सबसे अमीर राज्य घोषित हुआ है।

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इस पॉवर्टी इंडेक्स में भारत के 700 से अधिक जिलों में गरीबी को तीन पैमाने स्वास्थ्य, शिक्षा व जीनवस्तर के आधार पर आकलन किया गया है। इनमें पोषण, शिशु-किशोर मृत्युदर, प्रसव से पहले स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता, कितने साल तक लोग पढ़ाई करते हैं, स्कूल में उपस्थिति, पेयजल की उपलब्धता, संपत्ति व बैंक खाते जैसे कुल 12 सूचकांक शामिल हैं। इसी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक कुपोषण में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है। इसके अलावा बाल एवं किशोर मृत्यु दर में प्रदेश तीसरे नंबर पर है। स्कूल में सबसे कम उपस्थिति वाले राज्यों में चौथे नंबर पर है। साथ ही टॉयलेट के अभाव वाले राज्यों में चौथे नंबर, जबकि पेयजल के अभाव वाले राज्यों में पांचवें नंबर पर है। 

नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'नीति आयोग के इस सूचकांक ने भाजपा सरकार के 17 वर्ष के स्वर्णिम मध्यप्रदेश सहित तमाम झूठे दावों और घोषणाओं की पोल खोल कर रख दी है। वैसे भी मध्यप्रदेश का नाम शिवराज सरकार में कई वर्षों से कुपोषण, महिलाओं पर अत्याचार, अपराध, किसानो की आत्महत्या, बेरोज़गारी, आत्महत्या, भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और अब ग़रीबी में भी हम देश के शीर्ष राज्यों में हैं।'