महाराष्ट्र के सोलापुर से छुड़ाए गए कटनी के 52 मजदूर, बेहतर मज़दूरी का झाँसा देकर बंधक बनाए गए थे

गन्ना कटाई के लिए बेहतर मजदूरी का वादा करके कटनी से महाराष्ट्र के सोलापुर ले जाए गए थे सभी मज़दूरी, वहाँ बंधक बनाकर करवाया जा रहा था काम

Updated: Jan 09, 2021, 07:04 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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भोपाल। महाराष्ट्र के सोलापुर में बंधक बनाए गए मध्य प्रदेश के 52 मजदूरों को छुड़ा लिया गया है। कटनी जिले के रहने वाले इन मज़दूरों को कटनी ज़िला प्रशासन ने महाराष्ट्र के सोलापुर प्रशासन की मदद से आज़ाद कराया है। बताया जा रहा है कि इन मजदूरों को गन्ना कटाई के लिए बेहतर मजदूरी देने का वादा करके सोलापुर ले जाया गया था। लेकिन वहां बेहतर मजदूरी देने की जगह बंधक बनाकर जबरन काम लिया जा रहा था। मजदूरों के परिजन के शिकायत करने पर कटनी ज़िला प्रशासन ने सोलापुर प्रशासन से संपर्क कर इन्हें मुक्त कराया है। 

क्या है पूरा मामला 

दरअसल दिवाली के बाद कटनी ज़िले के कारीपथार इलाके के धनवाही गांव के रहने वाले कुल 52 मजदूरों को गन्ना कटाई के लिए महाराष्ट्र के सोलापुर ले जाया गया। इन मजदूरों से कहा गया था कि गन्ने की कटाई के लिए प्रति दिन 400 रुपए दिए जाएंगे। लेकिन गन्ना कटाई के बाद उन्होंने जब मजदूरी मांगी तो उन्हें एक सप्ताह तक काम करने बाद महज़ 100 रुपए थमा दिए गए। मजदूरों ने जब इसका विरोध किया तो उन्हें डरा धमकाकर चुप करा दिया गया। तभी से इन मजदूरों को बंधक बनाकर उनसे जबरन काम कराया जा रहा था।

बंधक मजदूरों के परिजनों तक इसकी खबर पहुंची तो उन्होंने कटनी के ज़िला प्रशासन से संपर्क किया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए। इसके बाद कटनी ज़िला प्रशासन, टीकमगढ़ ज़िले के एसडीएम सौरभ सोनवाने और सोलापुर के एसपी तेजस्वी सतपुते के सहयोग से मजदूरों को छुड़ा लिया गया। 

कैसे किया गया मजदूरों को रेस्क्यू 

मजदूरों के बंधक होने की खबर जब कटनी के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को मिली तो उन्होंने बोहरीबंध के एसडीएम रोहित सिसोनिया से इस पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा। सबसे पहले रोहित सिसोनिया ने इन मजदूरों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई। इसके बाद उन्होंने हर मजदूर से व्यक्तिगत तौर पर बात की। जिससे इस बात की पुष्टि हो गई कि सोलापुर के कंदल गांव में वाकई मज़दूरों से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है। 

इसके बाद सिसोनिया ने टीकमगढ़ ज़िले के एसडीएम सौरभ सोनवाने से संपर्क किया। सौरभ सोलापुर की एसपी तेजस्वी सतपुते से इस पूरे मामले की जानकारी साझा की। इसी के बाद सोलापुर ज़िला प्रशासन ने कंदल गांव में 6 जनवरी को छापेमारी करके बंधक मजदूरों को छुड़ाया। इसके बाद 7 जनवरी की सुबह सोलापुर की एसपी ने सभी मजदूरों को एक विशेष वाहन में नागपुर के लिए रवाना किया। वहां से मजदूरों को कटनी लाने का इंतज़ाम कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किया। सभी मजदूर शुक्रवार देर रात कटनी सकुशल पहुंच गए। 

प्रशासनिक अधिकारियों ने जिस तरह मुस्तैदी दिखाते हुए मज़दूरों को बंधुआ मज़दूरी कराने वालों के चंगुल से छुड़ाया, उसकी तारीफ हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रशासनिक अधिकारियों को शाबाशी देते कहा है, 'मैं कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसडीएम रोहित सिसोनिया, टीकमगढ़ एसडीएम सौरभ सोनवाने, सोलापुर पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपुते और उनकी पूरी टीम को इस त्वरित एक्शन के लिए बधाई देता हूँ और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। आप जैसे अधिकारी हमारी शान हैं।