झूठे वादे कर बाद में मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है: कमलनाथ

पहले अधिकारी-कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उन से मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है। इस बदनीयत के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता स्ट्रेचर पर लाने वाली है: कमलनाथ

Updated: Jun 02, 2023, 01:47 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार चौतरफा विरोध झेल रही है। प्रदेश के डॉक्टर, टीचर, नर्स और बेरोजगार युवक सड़कों पर हैं। इसी बीच अब बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 8 बड़े विश्वविद्यालयों के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी आज हड़ताल पर चले गए हैं। नतीजतन विश्वविद्यालयों की परिक्षाएं निरस्त हो गई है।

विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के हड़ताल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीएम शिवराज तमाशेबाजी में व्यस्त हैं। कमलनाथ ने ट्वीट किया, "मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "प्रदेश में संविदा कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स और जो भी विभाग हैं, उन सब में आए दिन हड़ताल हो रही हैं। इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया है। पहले अधिकारी-कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उन से मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है। इस बदनीयत के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता स्ट्रेचर पर लाने वाली है।"

बता दें कि विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी 7वें वेतनमान से पेंशन का भुगतान, OPS की बहाली के साथ 9 सूत्रीय मांगों को लेकर 15 मई से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में इन्होने अब पूरी तरह कामबंद हड़ताल कर दी है। इनका कहना है कि अगर 6 जून तक मांगें पूरी नहीं हुई तो आगे भी हड़ताल जारी रहेगी।