मामा सबसे बड़े माइनिंग माफिया, कमलनाथ ने अवैध खनन की रिपोर्ट शेयर कर सीएम शिवराज को घेरा

शिवराज जी मध्य प्रदेश की जनता तो आपको सजा देगी ही लेकिन कार्यकाल के कम से कम आखिरी एक महीने में आप इन काले कारनामों से तौबा कर लीजिए और प्रायश्चित यात्रा निकालिए: कमलनाथ

Updated: Sep 24, 2023, 01:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। राज्यभर में वन माफिया, भू माफिया, रेत माफिया से लेकर माइनिंग माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय है। राजधानी भोपाल से 120 KM दूर गंजबासौदा से अवैध माइनिंग की एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई है। दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां 12 वैध खदानें हैं जबकि 1500 अवैध खदानें हैं जहां दिन-रात पहाड़ों को खोखला किया जा रहा है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस रिपोर्ट को शेयर कर कहा कि मामा (सीएम शिवराज) ही सबसे बड़े माइनिंग माफिया हैं।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'प्रदेश में अवैध खनन खुद शिवराज सरकार करा रही है और लगता है कि मामा खुद सबसे बड़े माइनिंग माफिया बनते जा रहे हैं। आज एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने जिस तरह से विदिशा जिले की गंजबासौदा में पहाड़ों से पत्थर के अवैध खनन के काले कारोबार को उजागर किया है, उससे स्पष्ट है कि शिवराज जी ने मध्य प्रदेश को खोखला कर देने का संकल्प लिया है। रिपोर्ट कहती है कि वहां 12 वैध खदान हैं, जबकि असल में पहाड़ में 1500 अवैध खदानों से खनन चल रहा है।'

कमलनाथ ने आगे लिखा, 'यह भी उजागर हुआ है कि चार लाख में खदान लो और जितना चाहे खनन करो। पुलिस अपराधी को पकड़ने की जगह उसे पूरा संरक्षण देगी। मुख्यमंत्री जी मैं आपसे जानना चाहता हूं: पहाड़ों में यह अवैध खनन कराने के लिए आपने खुद कितना कमीशन लिया है? वह कौन सा दबाव है जिसके कारण वन विभाग, खनन विभाग और पुलिस सभी के हाथ बंधे हैं? आरोप है कि राजनीतिक नेतृत्व के दबाव में अवैध खनन चल रहा है। आप विदिशा से सांसद रहे हैं तो आप ही बताइए कि आपके अलावा और कौन-कौन राजनीतिक दबाव डाल रहा है?'

कमलनाथ ने आगे लिखा, 'प्राचीन नीलकंठेश्वर मंदिर और अन्य ऐतिहासिक इमारतों के पास अवैध खनन को बढ़ावा देकर क्या आप मध्य प्रदेश का सांस्कृतिक इतिहास नष्ट करना चाहते हैं? शिवराज जी मध्य प्रदेश की जनता तो आपको सजा देगी ही लेकिन कार्यकाल के कम से कम आखिरी एक महीने में आप इन काले कारनामों से तौबा कर लीजिए और प्रायश्चित यात्रा निकालिए। आपके घोटालों, भ्रष्टाचार और कमीशनराज से पूरे मध्य प्रदेश में त्राहि त्राहि मच गई है।'

बता दें भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि विदिशा के गंजबासौदा तहसील स्थित उदयपुर और आसपास की वन भूमि पर दिन के उजाले में पहाड़ के पहाड़ उजाड़े जा रहे हैं। यह काम गंजबासौदा और विदिशा के राजनीतिक पहुंच वाले लोग ग्रामीणों के साथ मिलकर कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह कि 6,000 हेक्टेयर में फैले वन क्षेत्र में सिर्फ 12 वैध खदानें हैं। लेकिन, यहां डेढ़ हजार से अधिक अवैध खदानों से दिन-रात ब्लास्ट कर और मशीनों के जरिये पत्थर निकाले जा रहे हैं। महज 50 हजार से 4 लाख रुपए में अवैध खदानें मिल रही हैं। खनन की जमीन देने वाले पुलिस सुरक्षा की भी गारंटी देते हैं। पूरा इलाका खुला पड़ा है। जो जितना दबंग, वह उसी हिसाब से खनन के साथ ही खदान बेच रहा है। यहां प्राचीन नीलकंठेश्वर मंदिर जैसी ऐतिहासिक महत्व की इमारतें भी हैं। धमाकों से इनकी दीवारें हिल रही हैं।