मूंग की दाल जहर है, डॉक्टर मरीजों को इसके सेवन का सलाह देना बंद करें: कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग में पांच से छः बार पेस्टिसाइड डाले जाते हैं, इसलिए इसमें सेवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

इंदौर। मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मूंग के सेवन को लेकर लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मूंग का दाल जहर है। साथ ही डॉक्टरों को नसीहत देते हुए कहा कि मरीजों को मूंग दाल सेवन का सलाह न दें।
दरअसल, विजयवर्गीय गुरुवार को इंदौर में 'हेल्थ फॉर भारत फाउंडेशन' द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने स्वस्थ जीवन के महत्व पर भाषण देते हुए मूंग दाल के सेवन को लेकर लोगों को चेतावनी दी। विजयवर्गीय ने कहा कि मूंग की दाल जहर है। डॉक्टर मरीजों को कहते है मूंग की दाल खाओ, ये बोलना बंद कर दीजिए।
विजयवर्गीय ने तर्क दिया कि मूंग दाल में 5 से 6 बार पेस्टीसाइड डाले जाते हैं। बीपी हार्ट से सम्बंधित बीमारियां होने लगी हैं जो पहले नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि दाल खाना है तो ऑर्गेनिक दाल खाना चाहिए। विजयवर्गीय के इस बयान पर अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि मंत्री जी को अपनी सरकार से पेस्टीसाइड रेग्यूलेट करने को कहना था। मगर वे लोगों को उपदेश देकर अपनी ज़िम्मेदारी से बच गए।
किसान नेता व कृषि एक्सपर्ट केदार सिरोही ने भी विजयवर्गीय पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि
भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से भ्रमित है और इनका मूलमंत्र भी लोगों को भ्रमित करना है। ये लोग पहले कहते हैं कि मूंग जहर, फिर सदन में कहते हैं कि जहर नहीं। अब फिर विजयवर्गीय जहर बता रहे हैं।पहले भाजपा नेता तय करें कि मूंग जहर है या नहीं? और यदि मूंग जहर है तो जहर देने वाले ये खुद ही हैं। शासकीय लैब में मूंग का एक भी सैंपल फेल नहीं हुआ। सारे सैंपल पास हो रहे हैं और लैब द्वारा उन्हें स्वास्थ्य के अनुरूप बताया गया है।
सिरोही ने सवाल उठाया कि क्या विजयवर्गीय इंपोर्टर्स से बिक गए हैं? उन्होंने कहा कि दलहन की पैदावार में बढ़ोतरी के कारण इंपोर्ट करने वालों को नुकसान हुआ है। सिरोही ने आरोप लगाया कि देश दलहन में आत्मनिर्भर न बने इसके लिए षडयंत्र किया जा रहा है और भाजपा के नेता इस षडयंत्र में शामिल हैं। इसलिए ये लोग न सिर्फ किसान द्रोही बल्कि राष्ट्रद्रोही भी हैं।