मध्य प्रदेश में महंगे हुए नगर निकाय चुनाव, शिवराज सरकार ने किया इस नियम में बदलाव

मध्य प्रदेश के नगर निकाय चुनावों में अब उम्मीदवारों को पहले से अधिक ज़मानत राशि जमा करनी होगी

Updated: Dec 21, 2020, 04:05 PM IST

Photo Courtesy: India Tv
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भोपाल। मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार ने नगर निगम और नगर पालिका में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। शिवराज सरकार ने नगर निगम और नगर पालिका में पार्षद पद का चुनाव लड़ना महंगा कर दिया है। चुनाव लड़ने के लिए अब पार्षद पद के उम्मीदवारों को अधिक जमानत राशि जमा करनी होगी।

राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श पर मध्य प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में बदलाव किया है। हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के साथ महिला प्रत्याशियों को जमानत की कुल राशि का आधा हिस्सा ही देना होगा।  इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के लिए एक और नियम में बदलाव किए गए हैं। जिसके मुताबिक एक नया प्रावधान मतपत्र को भी लेकर लागू किया गया है। 

दरअसल नगरीय आम चुनाव में नगर पालिका में पार्षद पद पर खड़े होने वाले उम्मीदवार को 3000 रुपए जमानत राशि जमा करनी होती थी लेकिन इस मर्तबा चुनाव में इस जमानत राशि को बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही नगर निगम चुनाव में पार्षद पद की उम्मीदवारी के लिए जमानत की रकम 5000 रुपए थी। जिसे बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए कर दिया गया है। हालांकि नगर परिषदों में पार्षद पद के चुनाव के लिए जमानत की रकम अब भी 1000 रुपए ही रखी गई है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिला वर्ग को जमानत राशि आधी देनी होगी।

इसके अलावा नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में जमानत राशि 15000 रुपए और 10000 रुपए और नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए 20000 रुपए रखा गया है। पार्षद पद के चुनाव में डाले गए मतों का बंडल भी अलग बनाया जाएगा और उस पर पार्षद पद का उल्लेख किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था अध्यक्ष पद के मत पत्रों को लेकर भी की जा चुकी है।

पोलिंग बूथ पर कैसी होगी व्यवस्था

इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में 22000 पोलिंग बूथ की व्यवस्था होगी। जिस पर एक करोड़ 68 लाख मतदाता अपने मत का उपयोग करेंगे। नगर निकाय के विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों को ऑनलाइन फॉर्म का प्रिंट और नॉमिनेशन के लिए सारे कागजात चुनाव अधिकारी को सौंपने होंगे।

एक पोलिंग बूथ पर 1000 वोटों की ही व्यवस्था की जाएगी। सैनिटाइजेशन का पक्का इंतज़ाम किया जाएगा। वोटिंग के लिए मतदाताओं को मास्क लगाकर आना ज़रूरी होगा, वरना उन्हें वोट नहीं डालने दिया जाएगा। हर पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनर भी लगाया जाएगा। जिससे लोगों की थर्मल चेकिंग की जाएगी।

इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट के आने के बाद क्वॉरेंटाइन है तो वोटिंग के आधे घंटे के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में उसे मत देने का अधिकार होगा। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध और क्वॉरेंटाइन लोग पोस्टल बैलट के माध्यम से वोट डाल सकेंगे। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध लोगों को फर्स्ट कम फर्स्ट बेसिस पर प्रेफरेंस दिया जाएगा और उन्हें लाइन में नहीं लगाया जाएगा।

मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू की जा चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार इस मामले में नए नियम और प्रोटोकॉल बनाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जनवरी में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न करवाया जा सकता है। कोरोना को देखते हुए नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।