मध्यप्रदेश: मीडियाकर्मियों को सरकार ने दी सौगात, सभी पत्रकारों का होगा फ्री कोरोना इलाज

प्रदेश के अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों का फ्री कोरोना इलाज, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक समेत डिजिटल मीडियाकर्मियों के कोरोना इलाज का खर्चा प्रदेश सरकार उठाएगी, डेस्क समेत, रिपोर्टर, कैमरामैन, फोटोग्राफर्स और उनके परिवारों को भी किया शामिल

Updated: May 14, 2021, 08:23 AM IST

Photo courtesy: AajTak
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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने मीडियाकर्मियों और उनके परिवार के कोरोना इलाज का खर्चा उठाने का फैसला किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि फील्ड में कार्य करने वाले मीडियाकर्मियों जैसे रिपोर्टर, कैमरा मैन, और फोटोग्राफर्स के साथ-साथ संपादकीय कार्य में लगे डेस्क के लोगों का भी इलाज करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि सभी मीडियाकर्मी चाहे वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मीडिया के हों सभी इलाज के दायरे में आएंगे। वहीं अधिमान्य के साथ-साथ गैर अधिमान्य पत्रकारों और उनके परिवार का कोरोना संक्रमण की स्थिति में प्रदेश सरकार इलाज करवाएगी।

 

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कोरोना काल में जनता तक खबरें और जानकारियां पहुंचाने में बहुत से पत्रकार  और कैमरामैन कोविड संक्रमित हो चुके हैं। दिनरात अपने कर्तव्य का निर्वाह पूरे समर्पण के साथ कर रहे हैं। पत्रकारिता का धर्म का निर्वहन करते हुए कई लोगों की जान भी चली गई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण योजना, पत्रकार बीमा योजना के तहत तो निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज हो ही रहा है, साथ ही अब कोरोना संक्रमित होने पर पत्रकारों और उनके परिवारों के इलाज प्रदेश सरकार द्वारा करवाया जाएगा।

 गौरतलब है कि बीते दिनों प्रदेश के पत्रकार संगठनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात की थी। सरकार अधिमान्य पत्रकारों के लिए पहले ही यह ऐलान कर चुकी थी। जिसके बाद गैर अधिमान्य और डेस्क वर्कर्स के लिए मांग उठी थी। जिसके लिए जिला स्तर पर भी पत्रकार संगठनों ने कलेक्टरों और विभिन्न जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी सौंपा था। जिसके बाद अब प्रदेश के सभी मीडियाकर्मियों के इलाज की व्यवस्था सरकार ने करने की घोषणा की है।

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मई महीने के शुरुआत में ही सरकार ने अधिमान्यत पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोरोना काल में लोगों तक जानकारी पहुंचाने वाले पत्रकार भी कोरोना वॉरियर्स हैं। सरकार ने अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ देने की घोषणा की थी। जिसके बाद यह मुद्दा उठा था कि अधिमान्य पत्रकार आमतौर पर फील्ड पर नहीं बल्की दफ्तरों में बैठते हैं, उनके कोरोना संक्रमित होने का खतरा कम है, जबकि फील्ड में काम करने वाले मीडियाकर्मी, रिपोर्टर, कैमरामैन, फोटोग्राफर्स की जान का ज्यादा जोखिम होता है। अब सरकार ने मीडियाकर्मियों के इलाज का खर्चा उठाने का फैसला किया है।