MP: बेरोजगारी के कारण भिंड में 28 युवाओं ने की आत्महत्या

Congress: आत्महत्याओं के कारण सार्वजनिक करें सरकार

Updated: Jul 28, 2020, 08:58 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर : इंडियन एक्सप्रेस
प्रतीकात्मक तस्वीर : इंडियन एक्सप्रेस

भोपाल : मध्यप्रदेश के भिंड जिले में पिछले 3 महीनों में बेरोजगारी के कारण 28 लोगों द्वारा आत्महत्या की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि भिंड जिले में लॉकडाउन के कारण उपजे बेरोजगारी से परेशान होकर पिछले 3 महीनों में 28 नौजवानों द्वारा आत्महत्या करने वाली खबर दिल दहलाने वाली है।शिवराज सरकार  प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं के आंकड़े सार्वजनिक करे।  

गुप्ता ने सोमवार को बयान जारी कर कहा है कि मध्यप्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूरों में बेरोजगारी से पैदा हुई मानसिक स्वास्थ्य की विकट समस्या को प्रबंधित करने में प्रदेश की शिवराज सरकार पूरी तरह से असफल हुई है। उन्होंने रोजगार सेतु को कागजी बताते हुए मांग की है कि सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से जनता को गुमराह करना बंद करे। उन्होंने कहा, 'प्रदेश सरकार रोज समाचार पत्रों में हेड लाइन बनाने के लिए योजनाएं तो घोषित करती है किंतु घोषणाएं कहां दम तोड़ देती हैं कोई नहीं जानता। हैरानी की बात यह है कि बड़े उद्योगों में मात्र 69, मध्यम श्रेणी के उद्योगों में मात्र 600 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है जबकि ठेकेदारों के मजदूरों के रूप में 27 सौ लोग काम प्राप्त कर पाए हैं।' 

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि, 'मध्यप्रदेश सरकार के खोखले दावे और उम्मीदें जगाने के कागजी विज्ञापन मजदूरों को रोजगार तो नहीं दे पा रहे हैं बल्कि उनके बीच अवसाद और हीन भावना का वातावरण बना रहे हैं जिससे लोग आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'कुल 7 लाख 30 हजार 331 पंजीकृत मजदूरों में से मध्य प्रदेश सरकार का रोजगार सेतु कुल 35 हजार 932 मजदूरों को रोजगार दे पाया है वह भी मनरेगा और ग्राम पंचायत के कार्यों में। जिसमें मुश्किल से प्रति व्यक्ति 25 दिन का कार्य ही प्राप्त हुआ है। जबकि सरकार लाखों मजदूरों को काम देने का लगातार दावा करती रही है।' उन्होंने सरकार के पास रोजगार देने के कौन से ठोस विकल्प हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक करने की भी मांग की है।