Corona in MP: मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना से कई विभागों के कर्मचारी बाहर, कमल नाथ ने कहा, गिरेगा कोरोना योद्धाओं का मनोबल

Kamal Nath: मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में बदलाव से कर्मचारियों पर संकट, पीसीसी अध्यक्ष कमल नाथ ने की कोरोना वारियर की मौत पर एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग

Updated: Sep 29, 2020, 02:40 AM IST

भोपाल। कांग्रेस ने कोरोना वारियर्स के लिए लागू की गई ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना’ में संशोधन का विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार के इस फैसले से कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिरेगा। शिवराज सरकार एक तरफ़ तो कोरोना योद्धाओं का सम्मान समारोह आयोजित कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में संशोधन कर रही है। गृह विभाग, नगरीय विकास, राजस्व और नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को इस योजना से बाहर किया जा रहा है। कांग्रेस ने मांग की है कि कोरोना वारियर्स की मौत के बाद परिजन को मिलने वाली राशि 50 लाख से बढ़ाकर अन्य राज्यों की तर्ज पर एक करोड़ की जाए।

संक्रमण रोकने में सीधे तौर पर जुटे कर्मचारियों को ही मिलेगा लाभ

दरअसल शिवराज सरकार ने इस योजना में संशोधन कर अब स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग के सफाई कर्मचारी, वार्ड ब्वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, पैरामेडिक्स, तकनीशियन, डॉक्टर विशेषज्ञ और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इससे बाहर कर दिया है। संशोधन के बाद योजना का लाभ केवल उन्ही को मिलेगा जो सीधे तौर पर कोविड संक्रमण को रोकने में जुटे हैं।

कोविड इलाज में लगे अस्पताल, कोविड केयर सेंटर, टेस्टिंग लैब, क्वारंटाइन सेंटर का स्टाफ शामिल हैं। साथ ही कोरोना सर्वे, सैंपल कलेक्शन, कंनटेंमेंट जोन में पर्यवेक्षण और सफाई के काम में लगे लोग ही योजना के पात्र होंगे। वहीं सरकार ने मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। सरकार ने कोरोना ड्यूटी के दौरान मृत व्यक्ति के परिजनों को दावा आवेदन का समय तीन महीने से घटाकर 45 दिन कर दिया है।

 

 

मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में संशोधन के विरोध में कांग्रेस 

कांग्रेस ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में संशोधन का विरोध किया है। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि कोरोना वारियर्स ने संकटकाल में अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की रात-दिन सेवा की है, लोगों को सुरक्षा प्रदान की है। एक तरफ तो शिवराज सरकार कोरोना योद्धाओं का सम्मान समारोह आयोजित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में संशोधन कर रही है। सरकार ने गृह विभाग, नगरीय विकास, राजस्व और नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को इस योजना से बाहर कर रही है।

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सरकार का फैसला कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिराएगा

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार योजना में संशोधन करके कर्मचारियों का मनोबल कम करने में जुटी है।कोरोना की इस महामारी में हमारे डॉक्टर्स, विशेषज्ञ, आशा-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी सभी दिन रात कोरोना योद्धा की तरह अपनी जान जोखिम में डालकर फ़ील्ड में निरंतर कार्य कर रहे हैं। लेकिन शिवराज सरकार उनका हौसला बढ़ाने की जहग योजना में संशोधन कर कोरना योद्धाओं को इस योजना से बाहर करके हतोत्साहित करने में जुटी है।

फील्ड में काम करने वाले कोरोना योद्धाओं के लिए सुरक्षा की मांग

कांग्रेस नेता कमलनाथ का आरोप है कि कई कोरोना योद्धा सुरक्षा उपकरणों के अभाव में कोरोना संक्रमित हो गए हैं। पीपीई किट, मास्क और अन्य आवश्यक संसाधनों के अभाव में कई कोरोना योद्धा संक्रमित हुए हैं। और कई लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में फ़ील्ड में काम करने वाले कोरोना योद्धाओं पर जानलेवा हमले की कई घटनाए हों चुकी हैं। ऐसे में फील्ड में काम करने वाले कोरोना वारियर्स को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोविड-19  की रोकथाम के लिए काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स के लिए ये योजना शुरू की थी। अब कोरोना वॉरियर्स मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ 31 अक्टूबर तक ले सकेंगे। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार की योजना को विस्तार देते हुए उसमें स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा, नगरीय विकास गृह, राजस्व एवं स्थानीय निकायों के कर्मियों को भी शामिल किया था। अब इसी योजना में संशोधन करके सरकार ने गृह, नगरीय विकास और राजस्व विभाग के कर्मचारी, नगर-निगम के सफाई कर्मियों को योजना से बाहर करने का फैसला किया है।