NEET पर MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, प्री पीजी काउंसिलिंग 2024 की प्रक्रिया रद्द

एमपी हाई कोर्ट ने NEET प्री पीजी काउंसिलिंग मामले में अहम फैसला सुनाते हुए 2024 की प्रक्रिया रद्द कर दी है।

Updated: Dec 10, 2024, 07:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए नीट पीजी काउंसलिंग 2024 की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने आदेश दिया है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) की नई राज्य मेरिट सूची तैयार करे। यानी अब नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार किए जाएंगे। 

हाईकोर्ट ने यह फैसला ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं दे रहे मेडिकल अधिकारियों को दिए जाने वाले अतिरिक्त अंकों में हुई अनियमितताओं के चलते लिया गया। इससे पहले, काउंसलिंग प्रक्रिया के नतीजों पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह तर्क दिया कि राज्य मेरिट सूची तैयार करने में अपनाई गई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया ने कई इन-सर्विस उम्मीदवारों को उनकी वास्तविक रैंकिंग से नीचे कर दिया।

मुख्य याचिकाकर्ता रीवा के डॉ. अभिषेक शुक्ला और अन्य की ओर से अधिवक्ता आदित्य सांघी ने तर्क दिया कि ग्रामीण इलाकों में तीन साल सेवा पूरी करने वाले मेडिकल अधिकारियों को अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान है।

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि राज्य सरकार ने दूसरी बार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू करते हुए नई सूची तैयार की, जिससे उनकी रैंकिंग प्रभावित हुई। इस गड़बड़ी के कारण सैकड़ों उम्मीदवारों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि नियमों का पालन किए बिना बनाई गई सूची से मेरिट प्रक्रिया में पारदर्शिता प्रभावित होती है।

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कोर्ट ने विस्तृत आदेश में कहा कि सभी इन-सर्विस उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंकों का लाभ देते हुए नई सूची तैयार की जाए और इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाए। यह फैसला उन सैकड़ों इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए राहत लेकर आया है, जो राज्य सरकार की नीतियों के चलते प्रभावित हो रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से मेडिकल काउंसलिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और भविष्य में ऐसी प्रक्रियाओं में सुधार होगा।