इतना भ्रष्टाचार मैंने आजतक नहीं देखा था, मैं कोई पेड़ नहीं हूँ कि नोट देता रहूँगा, सरपंच के दर्द से सरगर्मी
सरपंच कोई झाड़ (पेड़) नहीं है नोटों का जो देता रहेगा। हर कोई आदमी बिना पैसे के काम नहीं कर रहा है। इतना भ्रष्टाचार सारंगपुर में मैंने आज तक मेरे जीवन में नहीं देखा: सरपंच

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सुल्तानिया के सरपंच एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर सनसनीखेज वीडियो जारी किया है। इसमें वह कहते हैं कि सारंगपुर में इतना भ्रष्टाचार मैंने आजतक नहीं देखा था, मैं कोई पेड़ नहीं हूँ कि नोट देता रहूँगा।
सुल्तानिया पंचायत के सरपंच जितेंद्र हाथिया ने रविवार को सरपंच संघ के ग्रुप में अपना ढाई मिनट का एक वीडियो शेयर किया। इसमें वे जनपद कर्मचारियों-अधिकारियो पर हर काम के लिए रिश्वत मांगने के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं हाथ जोड़ कर निवेदन करता हूं कि मेरे से कोई भी व्यक्ति पैसे की मांग न करें। मैं पहले एक इंजीनियर को ट्रेप करवा चुका हूं। दोबारा कोई पकड़ा जाए तो यह मत बोलना की हाथिया जी आपने यह क्या किया है।
यह भी पढ़ें: भोपाल में किसान कांग्रेस का प्रदर्शन, विधानसभा की ओर बढ़ रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने चलाया वाटर कैनन
वीडियो में उन्होंने आगे कहा कि जब वो इंजीनियर ट्रेप हुआ था तो उसके बाद में कई के फोन मेरे पास आए थे कि बैठकर समझा देते, बातचीत कर लेते। यह मेरी चेतावनी समझ लेना या मेरा निवेदन। मेरे काम में लापरवाही न करें। मेरे काम को आप तत्काल करें और जितना हो सके मेरे से दूरी बना कर रखें। अगर किसी ने मेरे से पैसे मांगे और किसी का जीवन अगर खराब होता है तो मुझे दोषी न ठहराएं। क्योंकि सरपंच कोई झाड़ (पेड़) नहीं है नोटों का जो देता रहेगा। हर कोई आदमी बिना पैसे के काम नहीं कर रहा है। इतना भ्रष्टाचार सारंगपुर में मैंने आज तक मेरे जीवन में नहीं देखा। आज मेरी 42 साल की उम्र हो गई।
सुल्तानिया ग्राम पंचायत के सरपंच जितेंद्र मालवीय (हथिया) ने मई माह वर्ष 2024 में सारंगपुर जनपद पंचायत के एक इंजीनियर को मूल्यांकन के बदले 20 हजार की रिश्वत के साथ भोपाल लोकायुक्त के हाथों ट्रैप कराया था। जुलाई माह 2024 में उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र से राज्यमंत्री गौतम टेटवाल की जाति पर प्रश्नचिह्न खड़े किए थे। उन्होंने इस बारे में इंदौर हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इसके बाद उन्हें बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया।