Indore: जेल में भू माफिया की मौत

Indore News: भूमाफिया रामसुमिरन कश्यप पर फर्जी रजिस्ट्री से लाखों रुपए का लोन हड़पने के मामले, परिजन ने लगाया स्वास्थ्य की अनदेखी का आरोप

Updated: Aug 12, 2020, 04:27 AM IST

photo courtesy : newsindia12
photo courtesy : newsindia12

इंदौर। साल भर से जिला जेल में बंद भूमाफिया रामसुमिरन कश्यप की मौत हो गई। भूमाफिया रामसुमिरन को डायबटीज, बीपी, और हार्ट की बीमारी थी। सोमवार रात करीब साढ़े 12 बजे उसकी अचानक तबियत बिगड़ी तो जेल में प्राथमिक इलाज के बाद उसे एमवाय अस्पताल भेजा गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिला जेल अधीक्षक अजमेर सिंह ठाकुर का कहना है कि वह पहले से ही बीमार था, उसका इलाज चल रहा था।

सरकारी जमीनों पर प्लॉट काट कर बेचता था

भूमाफिया रामसुमिरन कश्यप पर सरकारी जमीनों पर प्लॉट काटने और एक ही जमीन कई लोगों को बेचने का आरोप था। वह अपनी कालोनियों में एक ही प्लाट एक से अधिक लोगों को फर्जी दस्तावेजों से बेचकर उनसे रुपए ऐंठता था। इस भूमाफिया ने कई लोगों के साथ लाखों रुपए की धोखाधड़ी की थी।

कई थानों में रामसुमिरन के खिलाफ मामले थे दर्ज

भूमाफिया रामसुमिरन के खिलाफ एरोड्रम और बाणगंगा थाना सहित अन्य थानों में जमीनों की धोखाधड़ी के मामलों में कई केस दर्ज थे। वह लंबे समय तक फरार रह चुका है। उसे एरोड्रम पुलिस और ईओडब्ल्यू ने अगस्त 2019 में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एरोड्रम थाने में धोखाधड़ी के दो और ईओडब्ल्यू में भी केस दर्ज थे। भूमाफिया ने गिरफ्तारी के बाद जेल से छूटने के लिए कई प्रभावशाली लोगों से फोन भी करवाया था।

बैंक से मिली भगत से फर्जी रजिस्ट्री पर लिया था लोन

भूमाफिया रामसुमिरन पर लाखों रुपए का बैंक लोन हड़पने के मामले में EOW में भी केस दर्ज था। दरअसल वह ‘कश्यप विश्वास गृह निर्माण संस्था’ का अध्यक्ष था। उसने छोटा बांगड़दा क्षेत्र की सांवरिया नगर के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री कर लाखों रुपए का लोन हड़प लिया था। भूमाफिया और बैंक के अफसरों ने मिली भगत करके फर्जी प्लॉट मालिक तैयार किया। उसके नाम के दस्तावेज बनाकर बैंक से लोन जारी करवाया था। इसी मामले में विशेष न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद इसकी संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी भी दी गई थी।

परिजन ने लगाया स्वास्थ्य की अनदेखी का आरोप

रामसुमिरन की मौत के बाद उसके परिजनों का आरोप है कि दिल की बीमारी से पीड़ित होने पर उन्होने निजी अस्पताल में इलाज के लिए कई बार आवेदन दिया था। लेकिन रामसुमिरन को निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति नहीं मिली।