स्कूली बच्चों के यूनिफ़ॉर्म में हुआ घोटाला, नाप से छोटी ड्रेस बनाकर किया भ्रष्टाचार: दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश में वेंडरों द्वारा विद्यार्थियों को उनकी नाप से छोटी गणवेश (यूनिफॉर्म) वितरित की गई हैं, जिससे वे गणवेश कुछ माह में ही फटने लगे हैं और स्कूल जाने वाले बच्चे असहज होकर जग-हंसाई का पात्र बन रहे हैं: दिग्विजय सिंह ने शिवराज से की कार्रवाई की माँग

Updated: Aug 19, 2023, 09:26 AM IST

भोपाल। बड़े तो बड़े मध्य प्रदेश में अब बच्चे भी सरकारी भ्रष्टाचार के शिकार हो रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने एक पत्र लिखकर इस घोटाले को उजागर किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने प्रदेशभर में स्कूली बच्चों को मिलनेवाले गणवेश यानी यूनिफॉर्म में घोटाले का जिक्र करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि स्कूली बच्चों को जानबूझकर छोटे यानी उनके नाप से छोटे यूनिफॉर्म दिए जा रहे हैं और कहीं कहीं पर तो गरीब बच्चों को फटे हुए गणवेश भी मिले हैं। 

सीएम शिवराज को संबोधित पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि, 'विगत कुछ वर्षो में मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क वितरित होने वाली गणवेश (यूनिफॉर्म) की खराब गुणवत्ता के अनेक मामले सामने आये थे। जिस पर शासन ने कोई कार्रवाई नहीं कर गडबडी करने वालों को बढ़ावा दिया है। इसी कड़ी में वेंडरों द्वारा विद्यार्थियों की नाप में गड़बड़ी कर एक नये प्रकार का भ्रष्टाचार किया गया है। प्रदेशभर के गरीब वर्ग के बच्चों को वितरित की जाने वाली यूनिफार्म में उमरिया जिले में किसी विद्यार्थी के नाप में गड़बड़ी मिली तो किसी को फटी हुई यूनिफार्म प्रदान किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। स्थानीय समाचार पत्रों ने ये गडबड़ियां उजागर भी की हैं।'

यह भी पढ़ें: शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का घड़ा फूट चुका है, गौशाला निर्माण में कमीशनखोरी पर बोले कमलनाथ

राज्यसभा सांसद सिंह ने स्थानीय समाचार पत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि शासकीय विद्यालयों के गरीब वर्गों के विद्यार्थियों को वेंडरों द्वारा उनकी साइज से छोटी यूनिफॉर्म वितरित की गई हैं, जिसकी वजह से वे कुछ ही दिनों में फटने लगी है। स्कूल जाने वाले बच्चे असहज होकर जग हंसाई का भी पात्र बन रहे हैं। शहडोल संभाग का उमरिया जिला एक अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिला है। जिसमें अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आदिवासी परिवारों की है। आदिवासी परिवारों के स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ यह सिर्फ भ्रष्टाचार ही नहीं है बल्कि अत्याचार भी है।'

दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए लिखा कि उमरिया जिले सहित पूरे प्रदेश में करोडों रुपये कीमत की वितरित होने वाली गणवेश की उच्च गुणवत्ता से समझौता करने वाले एवं नाप के हिसाब से न देकर छोटी गणवेश देकर भ्रष्टाचार करने वाले वेंडरों, ठेकेदारों, दलालों और अधिकारियों के गठजोड़ की राज्य स्तर से जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर आरोपियों के विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।

राज्य में तीन माह में विधानसभा चुनाव होने है और उससे पहले शिवराज सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने एक के बाद एक घोटाले उजागर करने शुरू किए हैं। 50 फीसदी कमीशन के आरोपों से घिरी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार के खिलाफ शुक्रवार को घोटाला-शीट जारी किया है। जिसमें 254 घोटालों का जिक्र है। इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह के इन आरोपों ने ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार के आचरण को न सिर्फ उजागर किया है बल्कि कार्रवाई की मांग भी की है। जाहिर है सरकार इन छोटे बच्चों और गरीब इलाकों के आदिवासियों के साथ समान आचार नहीं अपना रही है।