इंदौर-उज्जैन में PFI के ठिकानों पर NIA की रेड, स्टेट चीफ समेत चार गिरफ्तार, देशभर में 100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार

आतंकी फंडिंग और चरमपंथी संगठनों में शामिल होने के लिए युवाओं को उकसाने के आरोप में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए छापेमारी कर रही है। एनआईए ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में छापेमारी कर 100 से अधिक मेंबर्स को गिरफ्तार किया है।

Updated: Sep 22, 2022, 06:31 AM IST

नई दिल्ली/इंदौर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार सुबह कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में छापे मारे गये हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देशव्यापी छापेमारी में पीएफआई के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। छापे के दौरान एनआईए के अलावा ईडी और राज्य पुलिस के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में भी एनआईए ने रेड की कार्रवाई की है। एनआईए ने पीएफआई के मध्य प्रदेश के स्टेट लीडर्स को हिरासत में लिया है। कुल 4 नेताओं को उज्जैन और इंदौर से एनआईए ने हिरासत में लिया है। इनमें मध्य प्रदेश के पीएफआई प्रमुख अब्दुल करीम भी शामिल हैं। इसके अलावा इंदौर से मोहम्मद खालिद छीपा और जावेद नाम के शख्स की हुई है। चौथी गिरफ्तारी मोहम्मद जमील की उज्जैन से हुई है। कुल 3 गिरफ्तारी इंदौर और 1 उज्जैन से हुई है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में PFI के 650 से ज्यादा सदस्य सक्रिय हैं। संगठन का इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम समेत प्रदेशभर में नेटवर्क है। राज्य सरकार पीएफआई का संबंध सिमी से बताकर इसे प्रतिबंधित करने की तैयारी में है। हालिया, छापों के बाद माना जा रहा है कि केंद्र सरकार भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगा सकती है। PFI पर  आतंकी फंडिंग और चरमपंथी संगठनों में शामिल होने के लिए युवाओं को उकसाने के आरोप हैं। 

देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी में एनआईए की टीम ने 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। सर्वाधिक 22 लोगों की गिरफ्तारी केरल से हुई है। इसके अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र से 20-20 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। इसके पहले 18 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने यह कार्रवाई तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में की थी. पीएफआई पर कानपुर हिंसा, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के कई आरोप लगते रहते हैं।

पीएफआई पर कानपुर हिंसा, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के कई आरोप लगते रहते हैं। दिल्ली में सीएए आंदोलन से लेकर मुजफ्फरनगर, शामली और मध्य प्रदेश के खरगौन में हुई सांप्रदायिक हिंसा में पीएफआई से तार जुड़े होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, पीएफआई की पॉलिटिकल विंग SDPI ने इन छापों की निंदा की है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि तमाम छापों के बावजूद सरकार किसी भी आरोप को सिद्ध करने में असफल रही है।

एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने कहा कि, 'ये कार्रवाई असहमति को दबाने का प्रयास है। अगर आरएसएस के नेतृत्व में यह फासीवादी सरकार इस तरह के छापों से असहमति की आवाज को दबाने का सपना देख रही है तो ये केवल सपना बनकर ही रह जाएगा।' फैजी ने धर्मनिरपेक्ष दलों से आग्रह करते हुए कहा कि इस फासीवादी सरकार से एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है।