गालियां देकर कोई जनता का दिल नहीं जीत सकता, सीएम शिवराज की भाषा पर कमलनाथ का पलटवार
आपकी गालियों के बदले में मेरी ओर से आपको अपशब्द नहीं मिलेंगे। जनता हमारी न्यायाधीश है, वह खुद अच्छे और बुरे की परख कर लेगी और न्याय करेगी: कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं का एक-दूसरे पर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर बढ़ता जा रहा है। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। सीएम शिवराज ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल पर हमला बोला तो वहीं कमलनाथ ने उनकी भाषा को ओछी बताया है।
पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, "शिवराज जी आपने मेरे लिए कहा: 'तेरी पार्टी की सरकार थी'। और भी शब्द बोले जिनका लहजा बेहद अशोभनीय था। आप क्यों इस तरह बौखला रहे हैं? आपने कुछ दिन पहले मुझे गालियां भी दी थीं। गालियां देकर कोई जनता का दिल नहीं जीत सकता। माना कि आप हार रहे हैं और बुरी तरह हार रहे हैं, लेकिन ओछी भाषा का इस्तेमाल करने से क्या हासिल होगा?"
शिवराज जी आपने मेरे लिए कहा: 'तेरी पार्टी की सरकार थी'। और भी शब्द बोले जिनका लहजा बेहद अशोभनीय था। आप क्यों इस तरह बौखला रहे हैं? आपने कुछ दिन पहले मुझे गालियां भी दी थीं। गालियां देकर कोई जनता का दिल नहीं जीत सकता। माना कि आप हार रहे हैं और बुरी तरह हार रहे हैं, लेकिन ओछी भाषा…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 7, 2023
कमलनाथ ने आगे कहा, "हां, मैं आपको जरूर आश्वस्त करता हूं कि आपकी गालियों के बदले में मेरी ओर से आपको अपशब्द नहीं मिलेंगे। जनता हमारी न्यायाधीश है, वह खुद अच्छे और बुरे की परख कर लेगी और न्याय करेगी।"
हारी हुई सेना का सेनापति दुनिया का सबसे लाचार व्यक्ति होता है। आसन्न हार की हताशा और पार्टी में हाशिये पर कर दिये गए शिवराज जी ने एक बार फिर सड़कछाप भाषा का इस्तेमाल किया।
— Piyush Babele||पीयूष बबेले (@BabelePiyush) August 7, 2023
माननीय कमलनाथ जी के लिए तू तड़ाक की शब्दावली बोल रहे हैं।
शर्म आती है ऐसी असभ्यता पर। pic.twitter.com/UpXw5SVwvG
दरअसल, सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था। सीएम शिवराज ने कटाक्ष करते हुए कहा था, "आजकल कमलनाथ मुझसे सवाल पूछ रहे हैं, 18 सालों का हिसाब मांग रहे हैं। ऐ कमलनाथ! जब तेरी पार्टी की सरकार थी, तब गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा है, या गड्ढम गड्ढा है, गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ती थी। सड़कों का अता-पता नहीं था दादा मुझसे बात कर रहा है।"