इंदौर में RSS के किसान मोर्चे का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू, ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे
BKS के नेतृत्व में इंदौर और आसपास के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में खाने और रूकने की व्यवस्था साथ लेकर पहुंचे है। करणी सेना ने भी किसानों को समर्थन दिया है।

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरुवार से किसानों का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू हो गया है। खास बात ये है कि आंदोलन का नेतृत्व RSS के आनुषंगिक किसान संगठन BKS द्वारा किया जा रहा है। इंदौर कलेक्टोरेट के बाहर बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं। वे यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ रुकने की व्यवस्था लेकर आए हैं। उधर, करणी सेना ने भी किसानों को समर्थन दिया है।
कलेक्टोरेट के सामने अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए किसान पूरी तैयारी में दिख रहे हैं। इंदौर और आसपास के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में खाने और रूकने की व्यवस्था साथ लेकर पहुंचे हैं। किसानों ने कंडे, घी, दाल, आटा, बर्तन और रात्रि विश्राम के लिए बिस्तर, गद्दे और कंबल रात को ही गाड़ियों में भर लिए थे। गुरुवार सुबह से उन्होंने कलेक्टोरेट के सामने धरना दे दिया हैं।
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किसानों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को प्राथमिकता से स्वीकार किया जाए, अन्यथा भारतीय किसान संघ बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगा। आंदोलन को लेकर BKS के महानगर अध्यक्ष दिलीप मुकाती ने कहा कि किसानों की जायज मांगों के लिए संघ सदैव खड़ा है। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक धारणा जारी रहेगा। मुकाती ने बताया कि किसान दोपहर का खाना साथ लेकर आए हैं। जबकि शाम से वहीं कंडे जलाकर किसान खाना बनाएंगे और रात्रि विश्राम भी कलेक्टोरेट के बाहर ही करेंगे।
किसानों की मांग
* इंदौर में पूर्वी और पश्चिमी रिंग रोड निर्माण कार्य के लिए किया जाने वाला जॉइंट सर्वे तत्काल बंद किया जाए।
* केंद्रीय भू-अधिग्रहण कानून 2014 को संपूर्ण राज्य में जल्द लागू किया जाए।
* पिछले 12 सालाें से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है, इसे हर साल 25% की दर से बढ़ाया जाए।
* बढ़ी हुई गाइडलाइन के आधार पर चार गुना मुआवजा दिया जाए।
* आउटर रिंग रोड के लिए जारी किए गए वर्तमान राजपत्र को निरस्त कर गाइडलाइन बढ़ाने के बाद नया राजपत्र जारी किया जाए।
* किसी भी जमीन अधिग्रहण योजना में किसानों की सहमति के बिना अधिग्रहण प्रक्रिया आगे न बढ़ाई जाए।
* मध्य प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए। किसानों का आरोप है कि आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) अपना उद्देश्य भूल चुका है और अब केवल सरकारी भू-माफिया की तरह काम कर रहा है।