विवादों से रहा है मनोनीत सीएम मोहन यादव का नाता, गाली-गलौज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

चुनाव से पहले मोहन यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था जिसमें वह जनता को सरेआम अभद्र गालियां देते नजर आए थे। मोहन यादव का वह वीडियो एक बार फिर से वायरल हो रहा है।

Updated: Dec 11, 2023, 07:05 PM IST

भोपाल। उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। सोमवार को विधायक दल की बैठक में ये निर्णय लिया गया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। वहीं, मोहन यादव सरकार बनाने का दावा करने पहुंचे।

मोहन यादव साल 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2018 में वे एक बार फिर विधायक बनने में कामयाब रहे। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वर्ष 2020 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वे इस बार लगातार तीसरी बार इसी सीट से चुनाव जीते हैं और पार्टी ने उन्हें सीएम बनाकर बड़ा सरप्राइज गिफ्ट दे दिया है।

मोहन यादव का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। चुनाव से पहले मोहन यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था जिसमें वह जनता को सरेआम अभद्र गालियां देते नजर आए थे। मोहन यादव का वह वीडियो एक बार फिर से वायरल हो रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर कर लिखा, 'मध्य प्रदेश के नये मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को बधाई। यह भी बग़ल वाले छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय की तरह ही ख़तरनाक तेवर रखते हैं — आगे आप ख़ुद सुनिए।'

मोहन यादव ने माता सीता को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘मर्यादा के कारण राम को सीता को छोड़ना पड़ा। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।’ उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर भी वे विवादों में रहे हैं। कांग्रेस ने कहा था कि मोहन यादव ने परिवार के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया।

मध्य प्रदेश के नए सीएम बनाए गए मोहन यादव का आरएसएस से पुराना नाता रहा है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1982 में आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी से की थी। वे एबीवीपी से जुड़े और माधव विज्ञान यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए। इसके बाद वे तरक्की करते हुए एबीवीपी के प्रदेश महामंत्री बने। फिर वे बीजेपी में आए और वर्ष 2004 में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने। 

मोहन यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 और 2023 का चुनाव भी जीते। मोहन यादव ने इस बार भी अपनी पारंपरिक उज्जैन दक्षिण सीट से असेंबली का चुनाव लड़ा था। शुरुआती 2 राउंड तक वे कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन यादव से पीछे रहे थे। हालांकि इसके बाद उन्होंने बढ़त बनानी शुरू कर दी। मोहन यादव इस चुनाव में महज 12 हजार 941 वोटों से जीते।