पुलवामा हमले की बरसी पर दिग्विजय सिंह ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, कहा- CRPF की मांग पूरी नहीं की गई थी

इस दुखद घटना में 40 परिवार अनाथ हो गए। क्योंकि सीआरपीएफ के द्वारा जो सुरक्षा की मांग की गई थी कि उन्हें आतंकवादियों से खतरा है। हवाई जहाज से भेजा जाए। लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं की गई: दिग्विजय सिंह

Updated: Feb 14, 2024, 02:55 PM IST

भोपाल। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज पांच साल पूरे हो गए। आतंकियों के इस कायराना हमले में CRPF  के 40 जवान शहीद हो गए थे। देश आज शहीद जवानों को याद रहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया।

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव और रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य के साथ राजधानी भोपाल स्थित शौर्य स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने बलिदानी सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। सिंह ने इस दौरान कहा कि देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा। 

शौर्य स्मारक के पास मीडिया से बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि इस दुखद घटना में 40 परिवार अनाथ हो गए। क्योंकि सीआरपीएफ के द्वारा जो सुरक्षा की मांग की गई थी कि उन्हें आतंकवादियों से खतरा है। जवानों को हवाई जहाज से भेजा जाए। उनकी मांग पूरी नहीं की गई थी। सिंह ने कहा कि मैं पुलवामा दो बार गया हूं। वहां चप्पे चप्पे पर पुलिस रहती है। ऐसे में 300 किलो आरडीएक्स ले जाना या पहुंच जाना यह सवाल तो है।

उन्होंने पूछा कि पुलवामा हमले की जांच क्यों नहीं हुई? क्या कारण है? और अगर जांच हुई भी तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? हमें शहीद सैनिकों के परिवार का पूरा ख्याल रखना चाहिए। सिंह ने अंत में कहा कि सरकार से कहीं न कहीं इस मसले में चूक तो हुई है। नहीं तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। उन्होंने ये भी कहा कि शहीदों के परिजनों का ध्यान रखा जाए। ये सरकार की जिम्मेदारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस दौरान किसान आंदोलन से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि मध्य प्रदेश के किसानों की यहां गिरफ्तारियां हो रही है। हद तो तब हो गई की कर्नाटक से एक बोगी रिजर्व करके दिल्ली जा रहे किसानों को भोपाल में जबरदस्ती उतार लिया गया। आखिरकार उन्हें कौन से कानून के तहत उतारा गया। ये कानून का राज है की पुलिस का राज है, या फिर जंगल राज है? क्या है यहां? कर्नाटक के किसान नेता शांता कुमार की पत्नी को भी चोट लगी है। ऐसा करने की क्या मजबूरी थी। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था तो बिगड़ नहीं रही है। यदि कानून व्यवस्था का ध्यान रखना है तो हरियाणा वालों को देखना चाहिए। जहां पर आंदोलन हो रहा है। मध्य प्रदेश में कौन सा आंदोलन है। जिन्हें ट्रेन से उतारा गया वो आंदोलन थोड़ी करने वाले थे यहां और न ही कानून व्यवस्था बिगाड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग क्या है? मोदी गारंटी जो हम सुनते हैं। मोदी जी ने किसानों को एमएसपी की गारंटी देने की बात कही थी। किसान वही मांग रहे हैं।