प्रदेश में सामने आया ऑक्सीजन की गड़बड़ी का खेल, सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए ऑक्सीजन से ज़िलों में 93 टन कम पहुंची ऑक्सीजन

26 अप्रैल को राज्य सरकार ने 527 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई, लेकिन ज़िलों में मात्र 434 टन ऑक्सीजन की पहुंची

Publish: Apr 28, 2021, 04:26 AM IST

Photo Courtesy: India Tv
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भोपाल। कोरोना के विकराल संकट काल में ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ऑक्सीजन की गड़बड़ी का खुलासा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक के दौरान हुआ है। 26 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा ज़िलों को आपूर्ति की गई ऑक्सीजन में से ज़िलों को 93 टन कम ऑक्सीजन पहुंची है। 

मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना समीक्षा बैठक कर रहे थे। इसी रिव्यू मीटिंग के दौरान ऑक्सीजन की गड़बड़ी सामने आई। 26 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिलों में 527 टन ऑक्सीजन भेजी गई थी। लेकिन जब ज़िलों से ऑक्सीजन आपूर्ति की जानकारी आई, तब विभिन्न ज़िलों में कुल 434 टन ऑक्सीजन की ही आपूर्ति हुई थी। 

यह जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर ध्यान देने के लिए सख्त निर्देश दिए। इसके साथ मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के अंतर की एक रिपोर्ट भी देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों से ऑक्सीजन की आपूर्ति का सही आंकड़ा देने के लिए कहा है। सीएम ने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। 

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दूसरी तरफ राज्य सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए लगातार केंद्र सरकार के सम्पर्क में है। दावे के मुताबिक खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के बाहर के ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर बात कर रहे हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार वायुसेना और रेल की मदद ले रही है। दावा है कि बीते एक हफ्ते में राज्य में ऑक्सीजन की सप्लाई करीब 200 टन बढ़ी है। 

हालांकि प्रदेश के 10 ज़िलों में अब ऑक्सीजन के बेड नहीं बचे हैं। वहीं 23 ज़िलों में आईसीयू के बेड नहीं हैं। ज़्यादातर अस्पताल अब मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं। कई अस्पताल मरीजों के परिजन द्वारा खुद ऑक्सीजन मुहैया कराने की शर्त पर मरीजों को भर्ती कर रहे हैं।