पार्टी कहेगी दरी बिछाओ तो दरी बिछाऊंगा, संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर छलका सीएम शिवराज का दर्द

बीजेपी की संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने कहा कि, 'पार्टी जो कहेगी मैं वो करूंगा। पार्टी कहेगी जैत चले जाओ तो चला जाऊंगा

Updated: Aug 20, 2022, 12:12 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। पार्टी के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई है। इसी बीच अब मुख्यमंत्री का भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि पार्टी कहेगी दरी बिछाओ, तो मैं दरी बिछाने का काम भी करूंगा।

शनिवार को एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान सीएम चौहान ने कहा कि, 'मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो मैं ये काम भी करूंगा। पार्टी कहेगी कि जैत (मुख्यमंत्री का गृह गांव) चले जाओ तो चला जाऊंगा। पार्टी कहेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है।'

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सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'बीजेपी एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं।'

मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि, 'जब मैने पार्टी के लिए काम शुरू किया था तो नहीं पता था कि कभी विधायक भी बनूंगा। 17 साल की उम्र में आपातकाल का विरोध करने पर जेल भेज दिया गया था। 1974 में जेपी मूवमेंट से जुड़ा। फिर विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता रहा। कभी कल्पना नहीं की थी, विधायक, सांसद, मंत्री बनूंगा। मुख्यमंत्री का तो कभी सोच ही नहीं सकता था।'

बता दें कि भाजपा ने इसी हफ्ते अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया है। संसदीय बोर्ड में कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। शिवराज बीजेपी के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में उन्हें संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं।