मुरैना में बढ़ा बारिश का प्रतिशत, नए सिस्टम बनने से अल्प वर्षा से सामान्य की ओर बढ़ रहे आंकड़े, किसानों को राहत की उम्मीद

मुरैना में बारिश का प्रतिशत माइनस 66 से 52 हुआ, पन्ना में हुआ मामूली सुधार, मौसम विभाग का दावा अगले 4-5 दिनों में हर जिले में बढ़ेगा बारिश का आंकड़ा, प्रदेश में 24 घंटों में हुई वर्षा से एक फीसदी हुआ सुधार

Publish: Jul 20, 2021, 08:19 AM IST

Photo Courtesy: Navbharat times
Photo Courtesy: Navbharat times

भोपाल। प्रदेश के कई जिलों में जुलाई के 20 दिन गुजरने के बाद भी झमाझम बारिश का इंतजार है। लेकिन हाल के दिनों में मध्यप्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश से आंकड़ों में थोड़ा सुधार आया है। प्रदेश में बारिश का जो आंकड़ा 24 प्रतिशत माइनस में था वह एक दिन की बारिश में 23 प्रतिशत हो गया है। याने वर्षा के प्रतिशत में सुधार हो रहा है। इस बारे में मौसम विभाग के वैज्ञानिक पीके साहा का कहना है कि प्रदेश में आगामी 23 जुलाई से भारी बारिश होने की उम्मीद है। जिससे वर्षा के औसत में सुधार आएगा।

बीते 24 घंटों में प्रदेश के ग्वालियर 53.8 मिमी, खंडवा 45.0 मिमी, धार 36.1 मिमी, पचमढ़ी 36.0 मिमी, बैतूल 35.2 मिमी, रीवा 30.4 मिमी, नौगांव 49.0 मिमी, उज्जैन 24.4 मिमी, रतलाम 21.0 मिमी, टीकमगढ़ 20.0 मिमी, दतिया 17.0, भोपाल शहर 16.2 मिमी, सतना 16.2, इंदौर 13.6 मिमी, सागर 13.2 मिमी, खरगोन 10.2 मिमी, होशंगाबाद 7.0 मिमी, खजुराहो 7.2 मिमी, रायसेन 3.2 मिमी, श्योपुरकलां 2.0 मिमी, उमरिया 1.6 मिमी, नरसिंहपुर 1.0 मिमी, सीधी 1.0 मिमी, गुना 6.8, शाजापुर 0.6 मिमी , जबलपुर 0.1 मिमी, दमोह 1.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

वहीं जिन 33 जिलों में बारिश औसत से कम है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि वह आंकड़ा भी औसत के आसपास हो जाएगा। मौसम विभाग यह मानने को ही तैयार नहीं है कि प्रदेश में कहीं भी सूखे की स्थिति वर्तमान में बनी है। आमतौर पर इनदिनों तक प्रदेश में 300 मिली मीटर पानी बरस चुका होता है, पर वर्तमान समय में केवल 230 मिमी तक ही पानी गिरा है। जो की सामान्य से 23 फीसदी पिछड़ा हुआ है। वहीं मुरैना का वर्षा का प्रतिशत सुधर गया है। मुरैना में वर्षा जल का औसत माइनस 66 से 52 तक पहुंच गया है, जिसे नए सिस्टम बनने के बाद और ज्यादा सुधार होने के आसार हैं। वहीं पन्ना की स्थिति थोड़ी चिंता जनक है, यहां भी बारिश का प्रतिशत माइनस 69 से 68 ही हुआ है। यहां भी वर्षा के बाद आंकड़ों के सामान्य होने की गुंजाइश बाकी है।

मौसम वैज्ञानिक पीके साहा का कहना है कि प्रदेश में रेनफॉल एक्टिविटी बढ रही है, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में भी सिस्टम बने हैं। मानसून ट्रफ की स्थिती मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रही है। जिससे 23 जुलाई के बाद अगस्त में भारी बारिश के आसार हैं। इससे कम वर्षा वाले जिलों में 5 प्रतिशत से ज्यादा के सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि औसत वर्षा से 19 प्रतिशत से कम बारिश होने पर ही अल्प वर्षा कहा जाएगा, जो कि सिंतबर में ही साफ तौर पर कहा जा सकेगा कि किन इलाकों में अल्प वर्षा की स्थित बनी है। क्योंकि प्रदेश में एक जून से 20 जुलाई तक बारिश का प्रतिशत हर साल कमोबेश 20-23 प्रतिशत कम रहता है। जो कि जुलाई के खत्म होते- होते सुधरने लगाता है। भोपाल संभाग के सीहोर, रायसेन में बारिश होने से तालाब का जलस्तर बढ़ा है। वहीं आगामी 24 घंटे में छतरपुर, टीकमगढ़, उमरिया, भिंड, मुरैना, शहडोल में भारी बारिश के आसार हैं। उत्तरी मध्यप्रदेश मे बारिश की स्थिति बन रही है।