RSS से जुड़े किसान संघ ने PM मोदी के फैसले को बताया नुकसानदेह, MP के किसानों में खुशी की लहर

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को मिली बड़ी सफलता, वापस होंगे तीन कृषि कानून, मध्य प्रदेश के किसान नेताओं ने कुर्बानी देने वाले किसानों को समर्पित की यह जीत

Updated: Nov 19, 2021, 07:40 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों से माफी मांगते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। पीएम मोदी के इस फैसले को आंदोलनकारी किसान संगठन अहंकार और अभिमान की हार और किसानों की जीत बता रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसान नेताओं में इस फैसले को लेकर जहां एक ओर खुशी है वहीं पिछले एक साल में अपने कई किसान साथियों को खोने का दुःख भी है। उधर RSS से जुड़े किसान संघ ने पीएम मोदी के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे नुकसानदेह बताया है।

मध्य प्रदेश के किसान नेता व संयुक्त मोर्चा के सदस्य केदार सिरोही ने लंबी लड़ाई के बाद मिली इस सफलता को भावुक कर देने वाला क्षण बताया है। सिरोही ने हम समवेत से बातचीत के दौरान कहा, 'देश के किसानों को सत्ता और कॉरपोरेट के विरुद्ध लड़ाई में जीत मिली है। लेकिन अफसोस है कि इस लड़ाई में हमारे 700 से अधिक किसान भाइयों को अपनी जान कुर्बान करना पड़ा। हम इस लड़ाई में अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले किसान भाइयों को नहीं भूल सकते। यह जीत कुर्बानी देने वाले किसानों की जीत है। देश के संसद में काले कानूनों की वापसी ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज किसानों की एकता ने सरकार और कॉरपोरेट के गठजोड़ को धराशायी कर दिया है।'

केंद्र का फैसला नुकसानदेह साबित होगा: किसान संघ

उधर RSS से जुड़े किसान संगठन ने केंद्र सरकार के इस फ़ैसले पर नाराजगी जताई है। भारतीय किसान संघ की मध्य प्रदेश इकाई के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने आज जो घोषणा की है वह वास्तव में 11 महीने से चल रहे विवाद को टालने का कदम है। इस कानून के कारण छोटे किसानों को जो लाभ हो सकता था वह अवसर किसानों के हाथ से खिसक गया। कृषि कानून में सुधार करने की आवश्यकता थी, उसे रद्द करने की जरूरत नहीं थी। केंद्र के इस फैसले से किसानों को दीर्घकालिक नुकसान होगा। अब सरकार ने फैसला ले ही लिया है तो हम बस ये मांग करते हैं की किसानों को MSP नहीं बल्कि उत्पादों पर लाभकारी मूल्य दिया जाए।'

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मध्य प्रदेश के किसान नेता व अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कहा कि पीएम मोदी के जुमलेबाजी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। संसद का स्पेशल सत्र बुलाकर जबतक कानूनों की वापसी के अलावा MSP की गारंटी और बिजली से जुड़े अन्य कानून नहीं बनाए जाएंगे तबतक किसान संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने जिस अहंकार के साथ कहा था कि कानून वापस नहीं होंगे, आज वे मजबूर हुए। यह किसानों की असाधारण उपलब्धि है।

मध्य प्रदेश के रहने वाले राष्ट्रीय किसान संगठन के नेता परमजीत सिंह ने इस फैसले को लेकर कहा है कि यह हमारी पहली जीत है। इस जीत ने किसानों में अपनी लड़ाई लड़ने के लिए दोगुना उत्साह भर दिया है। हम एमएसपी की गारंटी चाहते हैं और जब तक गारंटी नहीं मिलती हमारा आंदोलन नहीं रुकने वाला। सिंह ने आगे कहा कि, 'सरकार को तत्काल स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करना चाहिए। हम कोई भीख नहीं मांग रहे, बल्कि किसानों का अधिकार मांग रहे हैं और MSP हमारा अधिकार है। हम 700 किसान भाइयों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।'