सौभाग्य योजना में हुए घोटाले पर कांग्रेस ने किया शिवराज पर वार, घोटाले का हुनर रह रहकर सामने आता है

सौभाग्य योजना में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें 79 बिजली अधिकारियों, इंजीनियर, ठेकेदारों के नाम सामने आए हैं, मंडला, सीधी, सिंगरौली, सतना, डिंडौरी और सागर में कई घरों को कागज़ों पर ही रोशन कर दिया गया था

Updated: Jul 27, 2021, 04:07 AM IST

भोपाल। शिवराज सरकार की नाक के नीचे मध्यप्रदेश में हुए सौभाग्य योजना के घोटाले के सिलसिले में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा है कि विधायक खरीद कर मुख्यमंत्री बने शिवराज की सरकार में घोटालों का हुनर रह रहकर सामने आता है। सौभाग्य योजना में करोड़ों का घोटाला हुआ है। 

हे भ्रष्ट राज और कितने घोटाले

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा है कि शिव’राज में घोटाले जारी,सौभाग्य योजना में 42 करोड़ का घोटाला;विधायक ख़रीदकर मुख्यमंत्री बने शिवराज की सरकार में घोटालों का हुनर रह-रहकर सामने आता है। ताज़ा मामले में सौभाग्य योजना में 42 करोड़ का घोटाला हुआ है।हे ! भ्रष्टराज,महामारी में और कितने घोटाले?

 

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू किए गए सौभाग्य योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आया। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण के मंडला, सीधी, सिंगरौली, डिंडौरी, सतना और सागर में इस योजना के संबंध में करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया। मामले की जांच में कुल 79 बिजली अधिकारियों, इंजीनियर और ठेकेदारों को दोषी पाया गया। यह फर्जीवाड़ा 42 करोड़ का बताया जा रहा है। दो साल बाद इस फर्जीवाड़े की जांच पूरी हो पाई है।

इस घोटाले की जमीन शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान ही तैयार हुई थी। 2017 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए इस योजना के अंतर्गत गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी थी। लेकिन कई जगहों पर बिजली अधिकारियों ने कागज़ों पर ही बिजली के खंभे और कनेक्शन दर्शा दिए। गांव के गांव कागजों पर ही बिजली कलेक्शन से युक्त दर्शा दिए गए। दावा किया गया कि गरीबों तक बिजली का कनेक्शन पहुंचा दिया गया, जबकि हकीकत में अभी लाखों घर बिजली कनेक्शन के इंतजार में हैं। 

एक हिंदी वेब पोर्टल के मुताबिक इस योजना के तहत रोशन किए जाने वाले घरों में से सिर्फ 40 फीसदी घरों तक ही बिजली पहुंचाई गई। करीब 25 हजार घर बिजली से अछूते रह गए। अब दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और उनसे पैसों की रिकवरी की जाने की बात कही जा रही है।