भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सीहोर-श्यामपुर रोड, एक दिन की बारिश भी नहीं झेल सकी 29 करोड़ की लागत से निर्मित सड़क

शनिवार को हुई बारिश के बाद सड़क की हालत ऐसी हो गई जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि यह सड़क हाल ही में बनी है।

Updated: Jun 25, 2023, 09:09 AM IST

सीहोर। सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहां 29 के रुपए की लागत से निर्मित सीहोर-श्यामपुर रोड पहली बारिश भी नहीं झेल सकी। शनिवार को हुई बारिश के बाद सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। स्थिति ऐसी हुई जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि यह सड़क महिनेभर पहले ही में बनी है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार-शनिवार की रात सीहोर में लगभग 84 एमएम बारिश दर्ज हुई है। इस बारिश ने यहां सड़क निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की पोल-खोल कर रख दी। एक दिन की बारिश में ही सड़क के हाल बेहाल हो गए। जबकि यह सड़क जब बन रही थी तब विभाग यह प्रचार कर रहा था कि यह फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से बनाई जा रही है। इस तकनीक से बनने वाली यह राज्य की पहली सड़क थी।

विभाग ने प्रचार किया था कि सामान्यत: तकनीक से 6 मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में करीब सवा करोड़ रुपए का खर्च आता है। जबकि एफडीआर तकनीक से सड़क के निर्माण में 40 से 50 फीसदी कम लागत आती है। यह सामान्य से दो गुना मजबूत भी होती है। लेकिन, इस तकनीक से बनी पहली सड़क ही एक दिन की बारिश में पूरी तरह क्षतिग्रस्त है।

बता दें कि सीहोर-श्यामपुर के बीच 24.30 किमी लंबी और 6 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण एक महीने पहले ही पूरा हुआ है। सड़क निर्माण में करीब 29 करोड़ रुपए की लागत बताई गई थी। बताया था कि यह सामान्य सड़क से अधिक मजबूत होगी। सामान्य सड़क की उम्र 5 साल की होती है, जबकि इसकी उम्र 10 साल होगी। हालांकि, सड़क जब एक महीने में ही खराब हो गई तो अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

बता दें कि फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एक रिसाइकिलिंग सिस्टम है। इसके जरिए सड़क के खराब मटेरियल में केमिकल व आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटेरियल तैयार कर लिया जाता है। उसे सड़क पर बिछाकर डाला जाता है। सीहोर- श्यामपुर के बीच बनाई गई 24.30 किमी लंबी इस सड़क को बनाने में 29 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसे फुल डेप्थ रिक्लेमेशन यानि एफडीआर तकनीक से बनाया गया है। यह सड़क इस तकनीक से बनने वाली प्रदेश की पहली सड़क थी।