श्योपुर में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम पर किया हमला, छीन ले गए ट्रैक्टर-ट्रॉली

श्योपुर में रेत माफियाओं की दबंगई एक बार फिर सामने आई है। माफियाओं ने राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम के साथ मारपीट की और फिर अवैध रेत से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली छीन ले गए।

Updated: Aug 16, 2023, 02:27 PM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। प्रदेश के श्योपुर जिले में रेत माफिया बेखौफ तरीके से धड़ल्ले के साथ रेत उत्खनन कर रहे है। उन्हें न तो पुलिस का खौफ है और न ही किसी प्रकार का डर। स्थिति या अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेत माफियाओं ने बुधवार सुबह राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की टीम पर लाठी-डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया। बदमाश टीम से अवैध रेत से भरा ट्रैक्टर-ट्राली भी छीनकर ले गए।

बताया जा रहा है कि आरोपी हमलावरों ने वन विभाग की टीम को लाठी-डंडों से जमकर पीटा। उसके बाद धमकी देते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर फरार हो गए। गनीमत यही रही कि इस हमले में कोई भी वनकर्मी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। टीम ने बदमाशों को रोकने के लिए काफी दूर तक उनका पीछा किया। हालांकि, वे पकड़ में नहीं आ सके। घटना की शिकायत मिलने पर विजयपुर पुलिस ने हर बार की तरह मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना श्योपुर जिले के विजयपुर नगर के सामुदायिक अस्पताल के पास का है। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर थाने लेकर जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में 10 से 15 बदमाशों ने टीम पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। जब तक वन कर्मी संभल पाते तब तक आरोपी रेत माफिया उनसे जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉली को छीनकर फरार हो गए।

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राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग टीम के वनपाल दिनेश शर्मा का कहना है कि गश्ती के दौरान उन्हें रेत का अवैध उत्खनन करते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली मिला था। जिसे उन्होंने जब्त कर लिया था। वह विजयपुर थाने में सुरक्षा के लिए रखवाने के लिए ला ही रहे थे। थाने से कुछ ही दूरी पर सामुदायिक अस्पताल के पास 10 से 15 रेत माफियाओं ने लाठी-डंडों से हमला करके जब्त ट्रैक्टर ट्रॉली को छीन लिया।

बता दें कि विजयपुर में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है, बल्कि पहले भी कई बार रेत माफिया प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अमले पर हमला कर चुके हैं। फिर भी रेत माफियाओं के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जाता है। नतीजतन उनके हौसले बुलंद हैं और वे शासकीय टीम पर हमला करने में जरा भी संकोच नहीं करते। यह स्थिति तब है, जब जिले में रेत की एक भी वैध खदान नहीं है। फिर भी रेत  खुलेआम रेत का उत्खनन और परिवहन कर लंबे समय से रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं।