बस संचालकों ने दी राज्य सरकार को चेतावनी, टैक्स माफ करो, अन्यथा शुरू होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल

बस संचालकों का कहना है कि अप्रैल में लॉकडाउन लग जाने के कारण बसों से यात्रियों की आवाजाही कम रही, जिसके कारण ज्यादतार बसों का संचालन बंद रहा, बस संचालक शिवराज सरकार से चार महीने का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं

Publish: Aug 31, 2021, 05:26 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बस संचालकों ने एक बार फिर शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश के बस संचालकों की यह मांग है कि सरकार उनके चार महीने का टैक्स माफ करे। इसके साथ ही बस संचालकों ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर शिवराज सरकार उनके टैक्स माफी की मांग नहीं मानती है, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। 

बस संचालक अप्रैल महीने से जुलाई महीने तक का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। जिसके अनुसार शिवराज सरकार को टैक्स के 280 करोड़ माफ करने होंगे। राज्य सरकार द्वारा टैक्स माफ नहीं करने की स्थिति में बस संचालक अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। 

बस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद शर्मा के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रदेश में रूट परमिट लेकर 35 हजार से ज्यादा बसें चलती हैं। प्रति माह एक बस का टैक्स 20 हजार रुपए होता है। चार महीने से बसों का संचालन बंद होने के कारण एक बस पर करीब 80 हजार रुपए के टैक्स का भार है। इस लिहाज से चार महीनों में टैक्स का कुल योग 280 करोड़ होता है। 

बस संचालक मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार पिछले वर्ष की ही तरह इस बार भी टैक्स माफ करे। कोरोना काल में पहले लॉकडाउन के दौरान बसों का संचालन बंद हो गया, जिसके बाद टैक्स माफी की मांग को लेकर बस संचालक अड़ गए थे। बस संचालकों ने बस का संचालन शुरू नहीं किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने पांच महीने का 385 करोड़ का टैक्स माफ किया। 

हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब लॉकडाउन लगा तब राज्य सरकार ने बसों के संचालन पर रोक नहीं लगाई। लेकिन लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण यात्रियों की आवाजाही बंद रही। बस संचालकों की यह दलील है कि जब बसों का संचालन हुआ ही नहीं, तो राज्य सरकार को उनका टैक्स माफ करना चाहिए।