MP Ministers Portfolios : 11 दिन बाद विभागों का वितरण
MP Ministers Portfolios Live Update : Shivraj Singh Chouhan ने 11 दिन के मंथन के बाद टीम को सौंपा काम

एमपी में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार के 11 दिन बाद आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया। मंत्रिमंडल के विस्तार के समय सीएम शिवराज ने कहा था कि मंथन से अमृत ही निकलता है। विष तो शिव पी जाया करते हैं। शिवराज ने यह बात ज्योतिरादित्य खेमे के दबाव को देखते हुए कही थी। मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो सिंधिया खेमे का पलड़ा ही भारी रहा। विभागों का बंटवारे में भी शिवराज के हिस्से में विष ही आया है।
शिवराज कैबिनेट में अपने मूल बीजेपी के 19 मंत्री बने हैं, तो अकेले ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 11 नेताओं को मंत्री पद हासिल हुआ है। तीन मंत्री ऐसे हैं जो कांग्रेसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। बीजेपी में यह पहला मौका है जब किसी एक नेता के इतने समर्थकों (वह भी कांग्रेस से आए पैराशूट नेता) को मंत्री बनाया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान - सामान्य प्रशासन जनसंपर्क नर्मदा घाटी विकास विमानन एवं अन्य विभाग जो किसी मंत्री को नहीं सौंपे गए हो।
1- नरोत्तम मिश्रा - गृह जेल संसदीय कार्य एवं विधि
2- गोपाल भार्गव - लोक निर्माण कुटीर एवं ग्रामोद्योग
3- तुलसीराम सिलावट - जल संसाधन मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग
4- विजय शाह - वन
5- जगदीश देवड़ा - वित्त वाणिज्यिक कर योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी
6- बिसाहूलाल सिंह - खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
7- यशोधरा राजे सिंधिया -खेल एवं युवा कल्याण तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोज़गार
8- भूपेंद्र सिंह - नगरीय विकास एवं आवास
9- मीना सिंह मांडवे - आदिम जाति कल्याण अनुसूचित जाति कल्याण
10- कमल पटेल - किसान कल्याण एवं कृषि विकास
11- एंदल सिंह कंसाना - लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
12- गोविंद सिंह राजपूत - राजस्व एवं परिवहन
13- बृजेन्द्र प्रताप सिंह - खनिज साधन एवं श्रम
14- विश्वास सारंग - चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास
15- इमरती देवी- महिला एवं बाल विकास
16- डॉक्टर प्रभुराम चौधरी - लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
17- महेंद्र सिंह सिसोदिया -पंचायत एवं ग्रामीण विकास
18- प्रद्युम्न सिंह तोमर - ऊर्जा
19- प्रेम सिंह पटेल- पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण
20- ओमप्रकाश सकलेचा-सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम,
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
21- ऊषा ठाकुर- पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म
22- अरविंद भदौरिया - सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन
23- मोहन यादव - उच्च शिक्षा
24- हरदीप सिंह डंग - नवीन एवं नवकरणीय उर्जा, पर्यावरण
25- राजवर्धन सिंह प्रेम सिंह दत्तीगांव - औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन
राज्यमंत्री-
26- भारत सिंह कुशवाह-उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) नर्मदा घाटी विकास
27- इंदर सिंह परमार -स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) सामान्य प्रशासन
28- रामखेलावन पटेल -पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) पंचायत एवं ग्रामीण विकास
29- रामकिशोर (नानो) कांवरे - आयु आयुष (स्वतंत्र प्रभार), जल संसाधन
30- बृजेन्द्र सिंह यादव- लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी
31- गिर्राज डंडोतिया -किसान कल्याण एवं कृषि विकास
32- सुरेश धाकड़ लोक निर्माण विभाग
33- ओ पी एस भदौरिया नगरीय विकास एवं आवास
10 दिनों तक दिल्ली से भोपाल तक मंथन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मंत्रिमंडल विस्तार से अधिक कठिन कार्य विभाग वितरण साबित हुआ है। कई दौर की बैठकों के बाद भी सीएम शिवराज अपनी कैबिनेट में विभाग वितरण आसानी से नहीं कर पाए तो इसका कारण बीजेपी में अहम् विभागों को लेकर जारी खींचतान थी। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के लिए कुछ खास विभाग पाने के लिए अड़े रहे जबकि शिवराज उन विभागों को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को देना चाहते थे। इसी खींचतान के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 जुलाई की शाम को दिल्ली गए थे। चौहान ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व संगठन के अन्य नेताओं से मुलाकात की। दिल्ली जाने के पहले और वहां से वापिस आने के बाद भी भोपाल में कई दौर की बैठकें हुई। हर बार यही समस्या रही कि कल पार्टी में आए सिंधिया को संतुष्ट कैसे करें। हालांकि, मंत्री बनाने के मामले में पार्टी ने उपचुनाव को ख्याल में रख सिंधिया की सुनी।