960 करोड़ की लागत से निर्मित साउंड प्रूफ ब्रिज टूटा, दिग्विजय सिंह बोले- यह खाओ और खिलाओ का प्रमाण
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में देश के पहले नेशनल हाईवे-44 पर बने साउंडप्रूफ ब्रिज पर दरार आ गई है। 960 करोड़ रुपये की लागत से बने यह हाईवे बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में देश के पहले नेशनल हाईवे-44 पर बने साउंडप्रूफ ब्रिज पर दरार आ गई है। ब्रिज बारिश की वजह से कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है। करीब 200 मीटर के हिस्से में ट्रैफिक रोककर मरम्मत किया जा रहा है। 960 करोड़ की लागत से निर्मित इस ब्रिज के टूटने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे भाजपा का खाओ और खिलाओ मॉडल बताया हैं। सिंह ने ट्वीट किया, 'यह भाजपा का एक और “खूब खाओ और खूब खिलाओ” का प्रमाण है। माननीय नितिन गडकरी जी आपकी शौहरत तो अच्छे प्रशासक और अच्छी क्वालिटी के निर्माण कराने वाले मंत्री की थी फिर यह क्या हो रहा है? यह 40-60 का हिसाब आपके यहाँ भी शुरू हो गया क्या?'
बता दें मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एशिया का सबसे बड़ा और देश का पहला साउंड प्रूफ ब्रिज नेशनल हाईवे 44 पर बना है। इसकी लागत 960 करोड़ रुपए है। जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण यह साउंड प्रूफ ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है। अब इसके मरम्मत का काम चल रहा है, जिसकी वजह से हाईवे पर लगातार ट्रैफिक जाम देखने को मिल रहा है।
साल 2021 में नितिन गडकरी ने इसका उद्घाटन किया था। इसका निर्माण नेशनल हाईवेज ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने किया था। जबकि ठेका दिलीप बिल्डकॉन को मिला था। ये ब्रिज पेंच टाइगर रिजर्व के बफर एरिया से गुजरता है। इस हाईवे को इस तरह बनाया गया है, जिससे वन्यप्राणियों को परेशानी न हो।
इसके लिए साउंड बैरियर और लाइट रिड्यूसर लगाकर चार मीटर ऊंची स्टील की दीवार भी बनी है। इस पर करीब 58 पुलिया हैं, जिससे 18 वन्य प्राणियों के लिए है। 29 किमी इस लंबे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 730 करोड़ रुपये थी लेकिन पूरा होने तक ये 960 करोड़ रुपये पहुंच गई थी।